प्रधानमंत्री ने करतारपुर साहिब कॉरिडोर पर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई

 


 



 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पंजाब के गुरदासपुर के करतारपुर साहिब कॉरिडोर में एकीकृत चेक पोस्ट का उद्घाटन किया और तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।


प्रधानमंत्री ने करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन से पहले गुरु नानक देव जी के जीवन पर आधारित डिजिटल उपकरणों को देखा और यात्री टर्मिनल भवन का दौरा किया। उन्होंने रवानगी से ठीक पहले तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे से बातचीत की।


एकीकृत चेक पोस्ट से भारतीय तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान के गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की यात्रा करने में सुविधा होगी। भारत ने जीरो प्वाइंट, इंटरनेशनल बाउंड्री, डेरा बाबा नानक पर करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के तौर-तरीकों पर 24 अक्टूबर 2019 को पाकिस्तान के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।


गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर 2018 को पूरे देश में और दुनिया भर में श्री गुरु नानक देव जी के 550वें जन्मदिवस के ऐतिहासिक अवसर को भव्य और शानदार तरीके से मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।


केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण और विकास को भी मंजूरी दी ताकि भारत के तीर्थयात्रियों को गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर की यात्रा करने में सुविधा हो सके और यात्रा पूरे साल सुचारू एवं सुगम तरीके से पूरा किया जा सके। तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए किए गए प्रावधान


अमृतसर से डेरा बाबा नानक को जोड़ने वाले गुरदासपुर राजमार्ग पर 4.2 किलोमीटर लंबा 4 लेन की सड़क 120 करोड़ रुपये की लागत से बनायी गई है।


15 एकड़ भूमि पर अत्याधुनिक यात्री टर्मिनल भवन का निर्माण किया गया है। यह भवन पूरी तरह वातानुकूलित है जहां रोजना लगभग 5,000 तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए 50 से अधिक अव्रजन काउंटर हैं। इसके मुख्य भवन के अन्दर ओर कियोस्क, शौचालय, बच्चों की देखभाल की व्यवस्था, प्राथमिक चिकित्सा सुविधा, प्रार्थना कक्ष और स्नैक्स काउंटर जैसी आवश्यक सार्वजनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।


सीसीटीवी निगरानी और जनसंबोधन प्रणाली के साथ सुरक्षा के लिए दमदार बुनियादी ढांचे की स्थापना की गई है। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 300 फीट का एक राष्ट्रीय स्मारक ध्वज भी फहराया जा रहा है। इस समझौते पर पाकिस्तान के साथ 24 अक्टूबर को हस्ताक्षर किये गए। यह करतारपुर साहिब कॉरिडोर के संचालन के लिए एक औपचारिक ढांचा प्रदान करता है।