प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे और उन्होंने संसद के आगामी सत्र के बारे में अपने-अपने विचार रखे।
अपने वक्तव्य में प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद का यह सत्र एक विशेष अवसर है क्योंकि राज्य सभा का यह 250वां सत्र होगा। उन्होंने खुशी जाहिर की कि इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम और गतिवधियां आयोजित करने की योजना बनाई गई है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि ऊपरी सदन का 250वां सत्र भारतीय संसद और भारतीय संविधान की अनोखी ताकत को उजागर करने के लिए एक विशेष अवसर प्रदान करेगा जो भारत जैसे विविधता से भरे देश में शासन करने वाले संस्थानों को एक अति महत्वपूर्ण रूपरेखा प्रदान करता है। यह सत्र उस पृष्ठभूमि में हो रहा है जब भारत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती बना रहा है जिससे यह सत्र अनोखा और विशेष अवसर बन जाएगा।
प्रधानमंत्री ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए कुछ विशेष मुद्दों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार सभी दलों के साथ मिलकर रचनात्मक तरीके से कार्य करेगी ताकि लम्बित विधेयकों का ठोस समाधान निकाला जा सके और पर्यावरण और प्रदूषण, अर्थव्यवस्था, कृषि क्षेत्र और किसानों, महिलाओं के अधिकारों, युवा और समाज के कमजोर तबकों से जुड़े विशेष मुद्दों के लिए नीतिगत रूपरेखा तैयार की जा सके।
प्रधानमंत्री ने संसद का पिछला सत्र शान्ति से चलाने के लिए दोनों सदनों के पीठासीन अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि इससे सरकार के कामकाज के बारे में लोगों के बीच सकारात्मक प्रभाव स्थापित करने में मदद मिली। इस संबंध में प्रधानमंत्री ने विविध मुद्दों पर हुई चर्चा में पहली बार बने सांसदों की ऊर्जावान भागीदारी का जिक्र किया और आशा व्यक्त की कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच रचनात्मक सहयोग से वर्तमान सत्र भी सफल और लाभदायक सिद्ध होगा।
बैठक के बाद मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए, केंद्रीय संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि नियमों और प्रक्रिया के अंतर्गत सरकार संसद के दोनों सदनों में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है। उन्होंने सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों से सहयोग करने को कहा।
आगामी शीतकालीन सत्र की जानकारी देते हुए जोशी ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार, 18 नवंबर से शुरू हो रहा है और सरकार के कामकाज को देखते हुए यह सत्र शुक्रवार 13 दिसंबर को समाप्त हो सकता है।
उन्होंने बताया कि 27 विधेयकों को चर्चा कराने और पारित कराने के लिए पेश किया जाएगा। श्री जोशी ने यह भी बताया कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट (उत्पादन, निर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्यादेश, 2019 और विधि कराधान (संशोधन) अध्यादेश, 2019 के स्थान पर दो विधेयकों को आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया जाना आवश्यक है।
इस सत्र की 26 दिन में 20 बैठकें होंगी जिनमें निजी सदस्यों के कामकाज के चार दिन भी शामिल हैं।