प्रदूषण से निबटने के लिए सामंजस्‍य और सहयोग का रास्‍ता अपनाना जरुरी: प्रकाश जावड़ेकर

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा खरीदे गए इलेक्ट्रिक -वाहनों को दिल्ली में हरी झंडी दिखाई।


इन इलेक्ट्रिक-वाहनों की आपूर्ति ऊर्जा दक्षता सेवा लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा की गई है। ईईएसएल सरकारी कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड, पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड तथा पॉवर ग्रिड कॉरपोरेशन का संयुक्त उपक्रम है।


इस उपक्रम के जरिये भारत सरकार वाहनों के उत्सर्जन में कमी लाने तथा इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनी है। जावड़ेकर ने इस अवसर पर इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल के लाभ पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक कारों का इस्तेमाल जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों तथा वाहनों से होने वाले उत्सर्जन से लोगों के स्वास्थ्य को होने वाले खतरों को कम करने का एक बेहतरीन, टिकाऊ और लाभकारी समाधान है।


भारत सरकार द्वारा देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के प्रयासों का जिक्र करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ई-वाहनों का इस्तेमाल कर खुद इस दिशा में पहल कर रही है। सरकारी अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाली पेट्रोल और डीजल की गाड़ियों को अब इलेक्ट्रिक वाहनों से बदला जा रहा है।वर्तमान में सरकार और उसकी विभिनन एजेसियों द्वारा इस्‍तेमाल में लाए जा रहे पांच लाख डीजल और पेट्रोल के वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक वाहनों से बदल दिया जाएगा।


दिल्‍ली में प्रदूषण के लेकर हाल में की गई राजनीति और दोषारोपण पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए, केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि आज के समय में प्रदूषण के खिलाफ सबको एकजुट होकर काम करना। उन्‍होंने कहा , “केंद्र सरकार ने सभी पांच राज्य सरकारों को एक साथ मिलकर  वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के उपाय खोजने का रास्‍ता दिखाया है ”। जावड़ेकर ने प्रदूषण से निपटने के लिए आरोप प्रत्‍यारोप की राजनीति करने की बजाए तालमेल और सहयोग का रास्‍ता अपनाने की अपील की।


दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या के संबंध में केंद्र सरकार की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, श्री जावडेकर ने कहा कि पहले पूर्वी और पश्चिमी दोनों पेरिफेरल एक्सप्रेसवे केवल चर्चा का मुद्दा थे, लेकिन वर्तमान सरकार ने पांच साल में एक्सप्रेसवे का कार्यान्वयन और निर्माण किया जिसके कारण आज लगभग 60,000 वाहनों का मार्ग बदल दिया गया है जिससे  राजधानी दिल्‍ली में प्रदूषण में काफी कमी आई है।


दिल्ली सरकार के निष्क्रिय रवैये पर असंतोष व्यक्त करते हुए, जावड़ेकर ने कहा कि पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और बाईपास सड़क के लिए राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले लगभग 3500 करोड़ रुपये जारी नहीं किए गए थे और बाद में उच्चतम न्यायालय के हस्‍तक्षेप के बाद 1000 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई।


केन्‍द्रीय मंत्री ने प्रदूषण मुक्त ई-वाहनों के चयन को प्रदूषण का मुकाबला करने की दिशा में सही कदम बताने के साथ ही अपने दैनिक काम काज के लिए ई-वाहन का इस्‍तेमाल करने की प्रतिबद्धता भी व्‍यकत की।  का उपयोग अपनी दिनचर्या के हिस्से के रूप में करने की प्रतिबद्धता भी व्यक्त की।


नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश में संयोजित, साझा और इलेक्ट्रिक यात्री गतिशीलता की मदद से भारत 2030 तक ऊर्जा की मांग को 64 प्रतिशत और कार्बन उत्सर्जन को 37 प्रतिशत तक कम कर सकता है।


ईईएसएल ने वस्‍तुओं और सेवाओं का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन करने के लिए थोक में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए मांग को बढ़ाया है। ये इलेक्ट्रिक वाहन विभिन्न सरकारी संगठनों द्वारा लीज पर लिए गए मौजूदा पेट्रोल और डीजल वाहनों को बदलने के लिए ईईएसएल द्वारा सरकारी संस्थाओं को पट्टे पर / एकमुश्त खरीद के आधार पर प्रदान किए जा रहे हैं।


पट्टे की कारें विभिन्न संगठनों में वर्तमान पट्टे वाले वाहनों का स्‍थान लेंगी और ईईएसएल वर्तमान पट्टे के किराए का 90 प्रतिशत ले लेगा जो संगठन अपने विक्रेताओं को ई-वाहन प्रदान करने के लिए भुगतान कर रहे हैं, जिससे लागत भी बचती है। पट्टे का किराया 5-6 वर्षों के बीच होगा, जिसके दौरान वाहनों का रखरखाव ईईएसएल द्वारा किया जाएगा।


ईईएसएल ने 10,000 ई-कारों की खरीद पूरी कर ली है। ये ई-कारें लीज / एकमुश्त खरीद आधार पर सरकारी संस्थाओं को प्रदान की जा रही हैं। अब तक, 1,510 ई-कारों को पंजीकरण के तहत तैनात किया गया है। ई-कारों को चार्ज करने के लिए, 300 एसी और 170 डीसी चार्जर भी प्रमाणित किए गए हैं। ईईएसएल ने विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों, सरकारी विभागों, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना की सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।


ईईएसएल ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र से सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाने शुरू कर दिए हैं। अब तक एनडीएमसी क्षेत्र में डीसी-001 (15 किलोवाट) का अनुपालन करने वाले सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों (पीसीएस) की स्थापना की गई है। ईईएसएल ने अपने-अपने क्षेत्रों में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) विकसित करने के लिए अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी), नोएडा प्राधिकरण, चेन्नई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीएमआरसीएल), जयपुर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (जेएमसीआरएल), ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) और कमीश्नर और नगरपालिका प्रशासन (सीडीएमए) के निदेशक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।


उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने 7 मार्च 2018 को राष्ट्रीय ई-मोबिलिटी कार्यक्रम भी शुरू किया था। कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय वाहन निर्माताओं, चार्जिंग बुनियादी ढांचा कंपनियों, फ्लीट ऑपरेटरों, सेवा प्रदाताओं आदि को प्रोत्‍साहित करना है ताकि वस्‍तुओं और सेवाओं का बड़े पैमाने पर उत्‍पादन करने और लागत कम करने, स्थानीय विनिर्माण सुविधाएं स्‍थापित करने, भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग के दीर्घकालिक विकास के लिए तकनीकी दक्षताओं को बढ़ाने और भारतीय ईवी निर्माताओं को प्रमुख वैश्विक संस्‍थानों के रूप में उभरने में सक्षम बनाना है।