रिपोर्ट : अजीत कुमार
जलियांवाला बाग की घटना के 100वें वर्ष के अवसर पर, केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने दिल्ली में अमृतसर के जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी से युक्त 'कलश' को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपा। पटेल द्वारा 5 नवंबर को पवित्र मिट्टी लाई गयी थी, जब उन्होंने ऐतिहासिक जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक का दौरा किया था।
कलश सौंपने के बाद पटेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस कदम के पीछे के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर पटेल ने कहा कि 'कलश' को राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली में रखा जाएगा, जिसे आम जनता देख सकेगी। उन्होंने कहा कि यह भारत के युवाओं को प्रेरित करेगा कि उनके पूर्वजों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए अपना बलिदान दिया था। उन्होंने कहा कि यह महज सामान्य मिट्टी नहीं है, यह दुनिया के सबसे बड़े बलिदानों का हिस्सा है और हम उनके बलिदानों का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ियों को इस पवित्र मिट्टी के माध्यम से उनकी वीरता और देशभक्ति के बारे में पता चलेगा।
पटेल ने मीडिया को संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की 100 दिनों की उपलब्धियों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने ताजमहल में बेबी फीडिंग रूम स्थापित किया है और महिला पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए देश के सभी प्रतिष्ठित स्थलों में इस तरह के बेबी फीडिंग रूम स्थापित किए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि संस्कृति मंत्रालय कुछ महत्वपूर्ण भारतीय स्मारकों में विदेशी पर्यटकों की सुविधा के लिए विदेशी भाषाओं में साइन बोर्ड लगा रहा है। उन्होंने कहा कि हम उन शीर्ष तीन देशों को यह सुविधा प्रदान कर रहे हैं, जहां से 1 लाख से अधिक पर्यटक ऐसे स्थलों का दौरा करने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की सुविधा कल से मध्य प्रदेश के सांची में शुरू होगी, जहां बौद्ध तीर्थयात्री विभिन्न देशों से विशेष रूप से श्रीलंका और दक्षिण कोरिया से आते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ई-वीजा शुल्क में कमी और होटल के कमरों पर जीएसटी दरों में कमी के कारण, अधिक पर्यटक भारत आ रहे हैं। उन्होंने मीडिया को यह भी बताया कि हमारी सरकार ने आम जनता के लिए 137 चोटियों को खोला है और इसके बगल में सियाचिन ग्लेशियर को भी जनता के लिए खोला गया है। श्री पटेल ने कहा कि भारत 2019 में विश्व यात्रा और पर्यटन सूचकांक में 40वें से बढ़ कर 34वें स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि हमारी पर्यटन के अनुकूल नीतियों के बल पर हम निकट भविष्य में शीर्ष 10वें स्थान पर होंगे।