प्रह्लाद सिंह पटेल ने ड्रुकपा ऑर्डर के कुंग फू नुन्स से मुलाकात की

 


 



 


केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने दिल्ली में कुंग फू नुन्स से मुलाकात की। कुंग फू नुन्स को हिमालयी क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण और महिला-पुरूष आधारित भेदभाव को दूर करने के लिए उनके अनुकरणीय कार्य को लेकर 30 अक्टूबर, 2019 को न्यूयॉर्क में एशिया सोसाइटी के प्रतिष्ठित गेम चेंजर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।


केन्द्रीय मंत्री ने कुंग फू नुन्स को उनके वीरतापूर्ण कार्य के लिए एशिया सोसाइटी के गेम चेंजर अवॉर्ड मिलने पर बधाई दी और उन्हें महिला सशक्तिकरण का सच्चा प्रतीक बताया। पटेल उनके टैगलाइन 'बी योर ओन हीरो' से काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि यह नारा हम सभी के लिए प्रेरक है। कुंग फू नुन्स से बातचीत करते समय, पटेल को उनके प्रथम नाम के अर्थ के बारे में पता चला, नुन्स अपने प्रथम नाम के रूप में जिग्मे का इस्तेमाल करती हैं और जिग्मे का अर्थ 'निडर' है। पटेल ने भारत की निडर पुत्रियों के रूप में उनकी सराहना की।


कुंग फू नुन्स उन बौद्धों की नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो महिला-पुरूष समानता और पर्यावरणवाद को बढ़ावा देकर विश्व में वास्तविक कार्य तथा सार्थक बदलाव लाने के लिए अपनी शिक्षण का इस्तेमाल करती हैं। इस मान्यता के साथ, कुंग फू नुन्स इन्द्रा नूई, मुकेश अंबानी और देव पटेल जैसे भारतीय नायकों की श्रेणी में शामिल हो गई हैं, जिन्हें साहसी और प्रेरक कार्यों को लेकर पिछले वर्षों में एशिया सोसाइटी द्वारा सम्मानित किया गया है।


एशिया सोसाइटी की स्थापना 1956 में की गई थी, जो एक पक्षपात-मुक्त, गैर-मुनाफा शैक्षिक संस्थान है। हांगकांग, ह्यूस्टन, लॉस एंजिल्स, मनीला, मेलबोर्न,  मुंबई,  न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को, सियोल, शंघाई, टोक्यो, वाशिंगटन डीसी और ज्यूरिख में इसके कार्यालय हैं। एशिया सोसाइटी वैश्विक संदर्भ में एशिया और संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों, नेताओं और संस्थानों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देने और साझेदारी को मजबूत करने के लिए समर्पित है। प्रत्येक वर्ष, एशिया सोसाइटी ऐसे व्यक्तियों, संगठनों या आंदोलनों को सम्मानित करती है, जिन्होंने एशिया सोसाइटी की नीति के अनुसार अनेक क्षेत्रों में प्रेरक, प्रबुद्ध और सच्चा नेतृत्व दर्शाया है।


कुंग फू नुन्स भारत की निडर बेटियां हैं, जो वास्तविक जीवन के कार्य और प्रभाव को प्रेरित करने के लिए आध्यात्मिकता का उपयोग करते हुए, बौद्धों की एक नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं। वे 1000 साल पुरानी ड्रुकपा विरासत वाला 700 ननों का एक मजबूत समुदाय है, जिसकी संख्या बढ़ रही है। सशक्तिकरण, समानता को बढ़ावा देने और समुदायों को बेहतर बनाने के लिए प्राचीन मार्शल आर्ट का उपयोग करते हुए, वे युवा लड़कियों को रूढ़िवादी दायरे से बाहर निकलकर और अपने स्वयं की नायक बनने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।