रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और हरसिमरत कौर बादल ने गुरु नानक देव जी पर तीन किताबों का लोकार्पण किया

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य पर दिल्ली विश्वविद्यालय के गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज में गुरु नानक देव जी पर तीन किताबों का लोकार्पण किया। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास द्वारा प्रकाशित इन तीन पुस्तकों में गुरु नानक बाणी, नानक बाणी और साखियां गुरु नानक देव शामिल हैं।


मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि गुरु नानक जी के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने की कोशिश सरकार कर रही है। इसी कड़ी में पंजाब के गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में 493 करोड़ की लागत से एक अंत: पंथ केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा गरु नानक जी पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के आयोजन के लिए 0.91 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे।


इसके अलावा यूके और कनाडा के एक-एक विश्वविद्यालय में विदेश मंत्रालय के अनुमोदन के अधीन चेयर की स्थापना की जाएगी। यूके में चेयर के लिए 4.5 करोड़ रुपये पांच वर्ष के लिए और कनाडा में चेयर के लिए 9 करोड़ रुपये तीन वर्ष के लिए जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही विभिन्न भारतीय भाषाओं में गुरुबाणी के प्रकाशन के लिए 0.65 करोड़ रुपये और गुरु नानक देव जी के संदेशों का विश्व की भाषाओं में अनुवाद के लिए 0.21 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।


रमेश पोखरियाल निशंक ने आगे कहा कि गुरु नानक जी ने लोगों को सदैव यह संदेश दिया कि भगवान एक हैं तो इंसानों में भेदभाव कैसे हो सकता है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में गुरु नानक जी की के विचारों को दुनिया भर के लोगों तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। इसी दिशा में देश में ही नहीं पूरे विश्व में वर्ष 2019 विश्वभर में गुरु नानक देव जी के 550वीं जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इसके तहत दुनियाभर में गुरुनानक देव जी के जीवन एवं उनकी शिक्षाओं पर आधारित विभिन्न चर्चाओं, विचार-विमर्श, पुस्तक लोकार्पण और संगोष्ठियों आदि का आयोजन किया जा रहा है।


खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि वर्तमान परिदृश्य में गुरु नानक देव के लेखन की प्रासंगिकता स्पष्ट दिखाई देती है क्योंकि उनकी लेखनी भ्रमित समाज में एक प्रकाशस्तंभ की भूमिका निभाती है। राष्ट्रीय पुस्तक न्यास से मेरी गुजारिश है कि वह गुरु नानक देव जी की किताबों को ज्यादा से ज्यादा भाषाओं में प्रकाशित करें ताकि सब लोगों तक उनका संदेश पहुंच सकें।


गुरु नानक बाणी नामक पुस्तक भाई जोध सिंह द्वारा संकलित की गई है और इसमें गुरु नानक देव की मूल वाणी से विभिन्न पद विषयवार संकलित किए गए हैं। नानक बाणी शीर्षक पुस्तक (मंजीत सिंह द्वारा संकलित), गुरु नानक देव के पाँच प्रमुख लेखन (पाँच बनिया) का संकलन है। जन्म साखियाँ अर्थात् जन्म कथाएँ, गुरु नानक की आत्मकथाएँ हैं। साखियाँ गुरु नानक (जगतारजीत सिंह द्वारा संकलित) पुस्तक, गुरु नानक के जीवन की कहानियों पर आधारित है। यह विशेषकर बच्चों के लिए एक सचित्र पुस्तक है। इन पुस्तकों को 15 भारतीय भाषाओं में प्रकाशित किया जा रहा है।


नवंबर 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यूनियन कैबिनेट में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि राज्य सरकारों तथा विदेशों में भारतीय नियुक्तवद के साथ मिलकर संपूर्ण देश एवं दुनियाभर में वर्ष 2019 को गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के रूप में भव्य तरीके से मनाया जाए। कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णयों में से एक प्रमुख निर्णय यह था कि राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत द्वारा गुरबाणी का प्रकाशन विभिन्न भारतीय भाषाओं में किया जाएगा तथा यूनेस्को द्वारा गुरु नानक देव की लेखनी का प्रकाशन विश्व की प्रमुख भाषाओं में किया जाएगा।


इस अवसर पर श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. जसविन्दर सिंह, राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के अध्यक्ष प्रो. गोविंद प्रसाद शर्मा मौजूद रहे।