रिपोर्ट : अजीत कुमार
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' और केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल 7 नवम्बर को श्री गुरू तेग बहादुर खालसा कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में गुरू नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर तीन पुस्तकों को लॉन्च करेंगे। ये पुस्तकें गुरू नानक देव जी के जीवन और उपदेशों पर आधारित है।
गुरू नानक देव जी के संदेशों के प्रचार-प्रसार के लिए नेशनल बुक ट्रस्ट ने तीन पुस्तकें प्रकाशित की हैं – गुरू नानक वाणी, नानक वाणी, साखियां गुरू नानक देव। मूल रूप से इन पुस्तकों का प्रकाशन पंजाबी भाषा में हुआ है। इनका अनुवाद 15 भारतीय भाषाओं में किया जाएगा। नेशनल बुक ट्रस्ट ने गुरू नानक वाणी का प्रकाशन उर्दू, उड़िया, मराठी, हिन्दी और गुजराती भाषा में किया है। इन पुस्तकों का असमिया, बांग्ला, कन्नड़, संस्कृत, कश्मीरी, मलयालम, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, सिंधी और अंग्रेजी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित किया जाएगा।
गुरू नानक देव जी ने सार्वभौमिक प्रकृति के दर्शन का प्रतिपादन किया था। यह सभी युगों के लिए प्रासंगिक है। उनके उपदेश मानवता के लिए अत्यन्त उपयोगी है, क्योंकि इनके उपदेश समाज और जीवन के सभी आयामों पर आधारित है। उपदेशों में सामाजिक, धार्मिक, वर्ण, स्थानीयता और राष्ट्रीयता आदि का अवरोध और विभेद नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने नवम्बर, 2018 की अपनी बैठक में गुरू नानक देव जी की 550वीं जयंती को वर्ष 2019 के दौरान पूरे देश में मनाने का निर्णय लिया था। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया था कि नेशनल बुक ट्रस्ट विभिन्न भारतीय भाषाओं में गुरबानी का प्रकाशन करेगा। यूनेस्को गुरू नानक देव जी की रचनाओं का विश्व की विभिन्न भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित करेगा।