रोहिणी में छठ पर्व में शनिवार को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


शनिवार को देशभर में लोक आस्था से जुड़े पूर्वांचल के महापर्व यानि कि छठ पर्व का आयोजन किया गया। इसी फहरिस्त में राजधानी दिल्ली में भी जगह जगह इस पावन पर्व का नजारा देखने को मिला। वीरवार को शुरू हुए इस चार दिवसीय छठ पर्व में शनिवार को व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया गया, जिसके बाद रविवार को सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देकर इस छठ पर्व की समाप्ति की जाएगी। इस दौरान जहां एक ओर श्रद्धालुओं में जोश एवं भक्ति का माहौल देखने को मिला, तो वहीं दूसरी ओर सुरक्षा के भी कडे इंतजाम दिखाई दिए।

धार्मिक दृष्टि से देखें तो छठ पूजा में सूर्य देव की उपासना और छठी मैया की आराधना की जाती है। सनातन संस्कृति में सूर्य को देवता के रूप में पूजा जाता है। सूर्य सृष्टि की आत्मा है। इसके प्रकाश से मनुष्यों, जीवों एवं पेड़-पौधों का जीवन अस्तित्व में है। सूर्य केवल ऊर्जा का ही स्रोत नहीं है बल्कि इसके प्रकाश में ऐसे तत्व हैं जिनसे मनुष्य और जीवों को रोग-दोष से छुटकारा मिलता है और पेड-पौधों को भोजन प्राप्त होता है।

वहीं छठ पूजा में पूज्य देवी छठी मैया संतान की रक्षा करने वाली हैं और छठ पूजा के दिन मायें अपनी संतान की रक्षा एवं उनके सुखी जीवन के लिए छठी मैया से कामना करती हैं। पौराणिक कथा के अनुसार, छठी मैया ब्रह्मा जी की मानस पुत्री हैं। 

हिन्दू पंचांग के अनुसार आस्था का यह पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व को छठी माई, डाला छठ और अन्य नामों से भी जानते हैं। मुख्य रूप से यह पर्व सूर्य देव और छठी माई को समर्पित है।