रिपोर्ट : अजीत कुमार
समागम में भाग लेने के लिये रेल द्वारा बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों को सलाह दी गई है कि वे समागम स्थल के पास लगने वाले भोडवाल माजरी रेलवे स्टेशन पर ही उतरें। वहां सेवादल उनकी मदद के लिए मौजूद रहेगा और उन्हें अपने-अपने रिहाइशी टेंटों तक पहुंचायेगा। रेलवे द्वारा पहले ही यह व्यवस्था कर दी गई है कि 5 नवम्बर से लेकर 30 नवम्बर, 2019 तक सभी मेल तथा एक्सप्रेस गाड़ियां 3 मिनट के लिये भोडवाल माजरी स्टेशन पर रूकेंगी।
इसके अतिरिक्त जो श्रद्धालु-भक्त पानीपत रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे, उनके लिये समागम कमेटी की ओर से विशेष बसों का प्रबंध किया गया है जिसमें भक्तों को किराया नहीं देना पड़ेगा। दूर देशों से आने वाले प्रतिनिधियों के ठहरने एवं उन्हें समालखा समागम स्थल पर लाने-ले जाने के लिए समागम कमेटी की ओर से उचित व्यवस्था की गई है। मण्डल के ट्रांसपोर्ट विभाग ने समागम के लिये लगभग 300 बसों की व्यवस्था की है।
मण्डल द्वारा जारी ज्वसस तिमम हेल्प लाइन नम्बर 1800-123-109090 की सुविधा उन सभी महात्माओं के लिए उपलब्ध रहेगी जो समागम में भाग लेने के लिए बाहर से आयेंगे और हवाई अड्डे, दिल्ली के रेलवे स्टेशनों तथा आई.एस.बी.टी. पर उतरेंगे। दिल्ली के रेलवे स्टेशन हैं- पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन, आनंद विहार, सराय रोहेला और सब्ज़ी मण्डी। आई.एस.बी.टी., काश्मीरी गेट, आनंद विहार और सराय काले खाँ। इनके अलावा जो श्रद्धालु भक्त भोडवाल माजरी, सोनीपत तथा पानीपत रेलवे स्टेशनों पर उतरेंगे, यह सुविधा उनके लिए भी उपलब्ध रहेगी। इस प्रकार ट्रांसपोर्ट विभाग ऐसे सभी भक्तों की सहायता कर सकेगा जिन्हें वाहनों की ज़रूरत होगी।
सन्त निरंकारी मण्डल द्वारा हरियाणा सरकार के सहयोग से बिजली, पानी, सीवरेज आदि की आवश्यक जरूरतों के लिये व्यापक व्यवस्था की गई है। इसमें ट्रैफिक कंट्रोल, सुरक्षा व अग्निशमन की सुविधाएँ भी शामिल है।
समागम स्थल को चार मैदानों में बांटा गया है । प्रत्येक मैदान में लंगर के बनाने व वितरण करने की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके अतिरिक्त सभी मैदानों में लगभग 20 कैन्टीनों की व्यवस्था की गई है जहां पर खान पान की सामग्री, चाय, काॅफी, शीतल पेय तथा अन्य खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे। लंगर तथा कैंटीनों में हर प्रकार से सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। लंगर स्टील की थालियों में परोसा जायेगा। चपाती बनाने के लिए चार मशीनों का प्रबंध किया गया है। अन्य सेवाएं सेवादल के सदस्यों तथा अन्य श्रद्धालु भक्तों द्वारा की जायेंगी।
प्रकाशन विभाग द्वारा 17 स्टाॅल लगाये जायेंगे जिनमें दो स्टाॅल सन्त निरंकारी काॅलोनी, दिल्ली में होंगे। यहां से श्रद्धालु भक्त मिशन का साहित्य, फोटो, डी.वी.डी., डायरी, कैलेंडर तथा अन्य सामग्री प्राप्त कर सकेंगे। पत्रिका विभाग भी नए सदस्यों के पंजीकरण के लिए अपना कार्यालय समागम स्थल पर स्थापित करेगा। इस अवसर पर पत्रिका विभाग द्वारा एक विशेष स्मारिका 'युवा सशक्तिकरण' पर प्रकाशित की जा रही है।
सन्त निरंकारी मण्डल के स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग की ओर से समागम के दौरान 11 डिस्पेंसरियाँ कार्य करेंगी, जिनमें कुल 87 बिस्तरों का भी प्रबंध किया जायेगा। इनके अतिरिक्त 19 प्राथमिक सहायता केन्द्र, 24 एम्बुलेंस (जिनमें 8, 102 एम्बुलेंस सम्मिलित हैं) भी उपलब्ध रहेंगी। गम्भीर अवस्था में मरीजों को निकट के पानीपत, सोनीपत एवं दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में पहुंचाने का प्रबंध भी किया गया है। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी समागम में 60 से अधिक अन्तर्राष्ट्रीय डाॅक्टरों की टीम आर्थोपेडिक मरीज़ों के लिए कायरो चिकित्सा पद्धति का अपना शिविर आयोजित करेगी।
समागम स्थल पर रेलवे आरक्षण तथा बुकिंग के लिये 6 काऊंटर कार्य करेंगे। जिनमें 3 आरक्षित, 2 अनारक्षित एवं 1 पूछताछ केन्द्र रहेगा जिनकी सुविधाएं 15 नवम्बर, 2019 से 20 नवम्बर, 2019 तक ग्राउंड न0 डी में उपलब्ध रहेंगी तथा जिनका समय प्रातः 9ः00 बजे से रात्रि 8ः00 बजे तक रहेगा। लेखा जोखा विभाग द्वारा 14 ए.टी.एम. मशीनों का प्रबंध किया गया है। इसके अतिरिक्त चलते-फिरते ए.टी.एम. की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। आॅन लाइन भुगतान के लिए 50 स्वाइप मशीनों का भी प्रबंध किया गया है। इन सभी सुविधाओं के लिये विभाग द्वारा पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आॅफ इण्डिया, एच.डी.एफ.सी. बैंक, ओ.बी.सी. बैंक तथा एस.बी.आई. बैंक से सहयोग प्राप्त किया गया है।
इस वर्ष निरंकारी संत समागम मिशन का मुख्य विषय है - सन्त निरकारी मिशन के 90 वर्ष । संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक जागरूकता के माध्यम से विश्व में सत्य प्रेम व् एकत्व का सन्देश दे रहा है । सन 1929 से पेशावर में जब मिशन के संस्थापक बाबा बूटा सिंह जी ने सत्य- ज्ञान की रोशनी को फैलाने का संकल्प लिया, तब मिशन का आरम्भ हुआ । सन 1943 में जब इस अभियान की बागडोर बाबा अवतार सिंह जी के हांथों में आई, तो उन्होंने प्रचार की गति को तीव्रता प्रदान की । भारत के विभाजन के बाद पहाड़गंज, दिल्ली में आकर बाबा अवतार सिंह जी ने 1948 में संत निंरकारी मंडल की स्थापना की। सन 1948 में ही मिशन का प्रथम सन्त निरंकारी समागम हुआ ।
सन 1962 से बाबा गुरबचन सिंह जी ने इस मानवता के इस अभियान की बागडोर संभाली और करीब 17 बर्षों तक मिशन का दिव्य सचंालन किया । सन 1965 व 1973 में मसूरी कांफ्रेंस आयोजित कर सामाजिक सुधारों की दिशा में दूरगामी निर्णय लिए गए, जिनमे नशाबंदी, सादा विवाह, महिला सशक्तिकरण आदि प्रमुख है। मिशन की आवाज को दूर-देशों मे पहुंचाने का कार्य भी इसी समय में आरम्भ हुआ। सत्य की आवाज को दबाने के लिए कई प्रकार के विरोधों का भी मिशन को सामना करना पड़ा। जिनके कारण 1980 में बाबा गुरबचन सिंह जी ने मानवता की बलिवेदी पर अपने प्राणांे का महान बलिदान दिया।
सन 1980 से बाबा हरदेव सिंह जी ने मिशन की मानवता की मशाल को अपने हाथों में लिया एंव इस सत्य और प्रेम के सन्देश को जन-जन तक पहुंचानें की मुहिम को तेज कर दिया। देश और दूर देशों में कल्याण यात्राओं की अनवरत श्रंखला आरम्भ हो गयी । सन 1980 में 33वां समागम और 2015 में होने वाला 68वां समागम बाबा हरदेव सिंह जी के पावन रहनुमाई में होने वाला क्रमशः प्रथम व अतिंम समागम था। 13 मई, 2016 को सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज संसार से विदा हो कर निरंकार में विलीन हो गए ।
तत्पश्चात सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी ने मिशन की बागडोर संभाली और करीब दो वर्षों तक निरंतर देश व दूर देशों में मिशन का प्रचार उसी गति के साथ किया जिस प्रकार बाबा जी के समय में हो रहा था। बाबा हरदेव सिंह जी महाराज ने 36 वर्षों तक मिशन का मार्गदर्शन किया और इस दौरान माता सविन्दर जी ने बाबा जी के साथ कन्धे से कन्धा मिलाकर कार्य किया।
16 जुलाई 2018 को माता सविंदर हरदेव जी ने मिशन को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी वर्तमान सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज को सांेपने का निर्णय लिया और 17 जुलाई 2018 को एक सत्संग समारोह में पूज्य सुदीक्षा जी के मस्तक पर तिलक लगा कर सद्गुरु के पवित्र आसान पर विराजमान कर दिया । 8 अगस्त 2018 को माता सविंदर हरदेव जी ने अपने मानव शरीर का त्याग किया । इस वर्ष मिशन का 72वां संत निरंकारी समागम सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की दिव्य रहनुमाई में होने जा रहा है ।