समुद्र तटीय पारिस्थितिकी प्रणाली के महत्व और तटों को स्वच्छ रखने के बारे में जन-जागरूकता पैदा करने के प्रयास में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 11 से 17 नवम्बर तक स्वच्छ निर्मल तट अभियान के अंतर्गत 50 तटों पर स्वच्छता और जागरूकता अभियान चला रहा है।
यह अभियान चौथे दिन में प्रवेश कर गया और इससे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। 10 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में अब तक इको-क्लब के छात्रों सहित करीब 41,382 स्वयंसेवियों ने सक्रियता से भाग लिया, जिसमें पुल 110 किलोमीटर लंबा तट शामिल है। अभियान के दौरान अब तक कुल 84 टन ठोस कचरा एकत्र कर उसका निपटारा किया जा चुका है।
पहचाने गये 10 तट गुजरात, दमन और दीव, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश और ओडिशा राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में हैं। इन तटों की पहचान राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के साथ सलाह-मशविरे के बाद की गई।
इससे पहले बुधवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास, संचार और इलैक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री धनंजय धोत्रे ने कालीकट में समुद्र तट अभियान में हिस्सा लिया। समुद्र तट के सफाई अभियान में सरकारें और मंत्रालय सक्रिय होकर भाग ले रही हैं।
सभी समुद्र तटों में सफाई का काम शुरू किया गया है, जिसमें इको-क्लब के स्कूल /कॉलेज के छात्र, जिला प्रशासन, संस्थान, स्वयंसेवी, स्थानीय समुदाय तथा अन्य साझेदार शामिल हैं। इको-क्लबों के लिए राज्य की प्रमुख एजेंसियां सभी 10 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में एक सप्ताह तक चलने वाले त्वरित स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ा रही हैं। इको-क्लबों के अध्यापक समूचे स्वच्छता अभियान के दौरान समुद्र तटों पर मौजूद है। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधिकारी संबद्ध राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में इस अभियान की सफलता के लिए उनकी सहायता कर रहे हैं।
समुद्र तट की सफाई का कार्य रोजाना 2 घंटे किया जाता है, कम से कम एक किलोमीटर तट की पहचान की जाती है। करीब 15 पहचाने गये तटों पर रेत की सफाई करने वाली मशीनें लगाई गई है। मंत्रालय ने कचरा प्रबंधन नियमों, 2016 के अनुसार सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों को एकत्र किये गए कचरे का निपटारा करने का निर्देश दिया है।