सरकार ने स्टार्ट-अप, एमएसएमई के लिए पेटेंट व्‍यवस्‍था को सरल बनाया है : पीयूष गोयल

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने स्टार्ट-अप, एमएसएमई से संबंधित पेटेंट व्यवस्था को सरल बनाया है। उन्होंने आश्वस्‍त किया कि औद्योगिक विभाग जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नए और उभरते हुए उद्यमों को सभी प्रकार का प्रोत्‍साहन देगा। गोयल दिल्‍ली में ग्लोबल बायो-इंडिया समिट 2019 में पुरस्कार वितरित करने के बाद सभा को संबोधित कर रहे थे।


गोयल ने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी, भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक प्रमुख क्षेत्र है। उन्होंने कहा, "न्यू इंडिया के प्रधानमंत्री के विजन और डीबीटी के प्रयास आपस में जुड़े हुए है।" उन्होंने कहा कि 1.3 अरब भारतीयों की आकांक्षाएं प्रौद्योगिकी व नवाचार को अपनाने की हमारी सफलता पर निर्भर हैं, जिसके आधार पर परिवर्तन होते है।


वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि भारत जैव प्रौद्योगिकी का एक अलग विभाग गठित करने वाला विश्व का पहला देश है। "अमेरिका को छोड़कर एफडीए द्वारा अनुमोदित दवाओं की सबसे बड़ी संख्या (523) भारत से हैं"। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी उद्योग वर्तमान में भारत में लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य का है। डीबीटी का लक्ष्य 2025 तक 7 लाख करोड़ रुपये का है। विश्लेषकों का कहना है कि यह 11 लाख से 12 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू सकता है।


शिक्षा जगत, उद्योग जगत और सरकार को एक साथ आने का आह्वान करते हुए गोयल ने कहा कि दीर्घावधि, नवाचार का आदर्श होना चाहिए। गोयल ने जीबीआई पुरस्कार प्रदान किये, विभिन्‍न रिपोर्टें जारी की और बीटी स्टार्ट-अप्स के लिए एक वेब पोर्टल लॉन्च किया।


नीति आयोग के सदस्य डॉ.विनोद के. पॉल और डीबीटी की सचिव,  डॉ. रेणु स्वरूप ने भी सभा को संबोधित किया।