सीपीएसई में भारत सरकार की इक्विटी हिस्‍सेदारी को घटाकर 51 प्रतिशत से नीचे लाने को मंजूरी

 


 



 


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने प्रत्‍येक मामले पर गौर करते हुए प्रबंधन नियंत्रण को बरकरार रखते हुए चुनिंदा सीपीएसई (केन्‍द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम) में भारत सरकार की चुकता शेयर पूंजी को घटाकर 51 प्रतिशत से नीचे लाने के प्रस्‍ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसके तहत सरकारी हिस्‍सेदारी के साथ-साथ सरकार के नियंत्रण वाले संस्‍थान की अंशभागिता को भी ध्‍यान में रखा जाएगा।


इसका मुख्‍य उद्देश्‍य चुनिंदा सीपीएसई में विनिवेश विंडो के दायरे का विस्‍तार करना है। इससे बड़ी संख्‍या में लोगों के बीच राष्‍ट्र की संपदा का विस्‍तार करने, सीपीएसई में सरकारी निवेश के सक्षम प्रबंधन को बढ़ावा देने, ज्‍यादा पारदर्शिता सुनिश्चित करने और राष्‍ट्र के आर्थिक विकास की गति तेज करने में सीपीएसई के योगदान को बढ़ाना जैसे विनिवेश के उद्देश्‍यों की पूर्ति में भी मदद मिलेगी।


इससे बाजार में मुक्‍त रूप से उपलब्‍ध शेयरों की संख्‍या भी बढ़ेगी, जिससे भारतीय पूंजी बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश पर सकारात्‍मक असर हो सकता है। इसके अलावा छोटे (रिटेल) और संस्‍थागत निवेशकों के लिए निवेश की गुंजाइश बढ़ाने पर भी सकारात्‍मक असर हो सकता है। यही नहीं, इससे निवेशकों की संभावित सकारात्‍मक धारणा की बदौलत सीपीएसई का बाजार प्रीमियम भी बढ़ सकता है।