सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रियासी और राजौरी के धर्मगुरूओं से बातचीत की

 


 



 


सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने रियासी और राजौरी के आंतकवाद प्रभावित क्षेत्रों के बहुधर्मी धर्मगुरूओं के समूह के साथ बातचीत की। जनरल रावत ऑपरेशन सद्भावना के तहत उत्तर भारत की यात्रा पर हैं। ये धर्मगुरू घाटी के प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिनमें 15 मौलवी, 4 पंडित और 2 ग्रंथी शामिल हैं। यह अपने तरह की पहली क्षमता निर्माण यात्रा है, जो धर्मनिरपेक्षता तथा क्षेत्र के विकास के लिए कार्यरत कश्मीरियों की एकता दर्शाती है।


जनरल रावत ने क्षेत्र में शांति कायम रखने के लिए कार्य करने हेतु इन धर्मगुरूओं का आह्वान किया और इनकी स्थानीय जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरे समर्थन का आश्वासन दिया। भारतीय सेना के रवैये से राष्ट्र के मर्म का पता चलता है और यह पहल इस अवधारणा द्वारा मार्गदर्शित है।


जनरल रावत 2 नवंबर से लेकर 9 नवंबर तक कुल 8 दिनों के दौरे पर हैं। यात्रा के दौरान, इन धर्मगुरूओं को वाघा-अटारी बॉर्डर, गोबिंदगढ़ किला, अमृतसर का स्वर्ण मंदिर, दिल्ली का इंडिया गेट, हुमायूं का मकबरा, अक्षरधाम मंदिर, बंगला साहिब गुरूद्वारा, लालकिला, जामा मस्जिद और सेलेक्ट सिटी वॉक मॉल, अजमेर का अजमेर शरीफ दरगाह और पुष्कर झील दिखाया जाएगा।