फिल्म 'ट्रॉमाफैब्रिक' के निर्देशक मार्टिन एसफ्रिबर ने कहा है कि हमारी फिल्म प्यार और सपनों की कहानी है। इसमें दिल तोड़ने वाली अनेक कहानियों का इस्तेमाल किया गया है। जर्मन रोमांटिक फिल्म 'ट्रॉमाफैब्रिक' आईएफएफआई-2019 में मिड-फेस्ट फिल्म के रूप में दिखाई गई। वह गोवा के पणजी में चल रहे आईएफएफआई-2019 में इस फिल्म के बारे में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि फिल्म बनाने का सबसे महत्वपूर्ण भाग कलाकार चयन है। मुझे श्रेष्ठ कलाकार चुनने और उन्हें अभिव्यक्ति का स्थान देने में डेढ़ वर्ष लगा। उन्होंने कहा कि इसमें अस्पष्ट राजनीति है क्योंकि हमारा फोकस प्यार पर है। यह फिल्म 1960 के परिवेश में बनाई गई है और इसमें एक युवा स्टूडियो एक्स्ट्रा द्वारा अपनी प्रमिका फ्रांसिसी लड़की को ढूंढने की इच्छा शक्ति दिखाई गई है। बर्लिन की दीवार बनाये जाने से ये दोनों प्रेमी-प्रमिका जुदा हो गये थे।
उन्होंने आईएफएफआई की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बर्लिन फिल्म समारोह की बोद्धिक ध्वनि के विपरीत आईएफएफआई हृदय से भरा है। उन्होंने भारतीय दर्शकों को फिल्मों की फिल्मों पर राय व्यक्त करने वाला तथा सराहना करने वाला बताया। उन्होंने कहा कि वह बॉलिवुड को महत्वपूर्ण फिल्म उद्योग मानते हैं।
फिल्म के कार्यकारी निर्माता सबेस्टियन फर्नर ने कहा कि 'ट्रॉमाफैब्रिक' फिल्म के निर्माता टॉम जिक्लर के अनेक अनुभवों पर आधारित है। दो महीने पहले जिक्लर का निधन हो गया था। बर्लिन की दीवार गिरने से पहले टॉम जिक्लर बबेल्सबर्ग में प्रोडक्शन मैनेजर थे। फिल्म के धन-पोषण के बारे मे उन्होंने कहा कि इसमें 50 प्रतिशत सरकारी धन और और 50 प्रतिशत धन एक डिस्ट्रिब्यूटर ने लगाया है। हमने पहले सोची गई रकम से कम खर्च किया है।
फिल्म के कलाकार निकोलाई क्विन्सकी ने कहा कि भारतीय फिल्में उन्हें पसंद हैं। उन्होंने कहा कि प्यार की फिल्मों और प्यार की कहानियों को सबसे अधिक भारतीय प्यार करते हैं। उन्होंने बताया कि उनका पात्र ओमर कई दृष्टि से उन्हीं की तरह था और यह भूमिका निभाने में उन्हें आनंद आया।
'ट्रॉमाफैब्रिक' के अभिनेता ली फैसबेंडर तथा विलफ्राईड होल्डिंगर भी संवाददाता सम्मेलन में उपस्थित थे।