उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर 'उत्‍कृष्‍ट पत्रकारिता हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार’ प्रदान किए

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर  उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने दिल्ली में 'उत्‍कृष्‍ट पत्रकारिता हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार-2019'' के विजेताओं को पुरस्‍कार प्रदान किये। भारतीय प्रेस परिषद द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों के पत्रकारों को पत्रकारिता में उनके उत्कृष्ट और अनुकरणीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया।


इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने मीडिया के महत्व और भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जब से 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा भारत का पहला समाचार पत्र – 'द बंगाल गजट' शुरू किया गया था,  तभी से प्रेस लोगों को सशक्त बनाने में उत्कृष्ट भूमिका निभा रहा है।


उपराष्ट्रपति ने कहा, " पत्रकारों को गेटकीपर की भूमिका निभाए बिना पाठकों और दर्शकों को निष्पक्ष और उद्देश्यपूर्ण, सटीक और संतुलित जानकारी प्रस्तुत करना पत्रकारिता का मूलभूत सिद्धांत है।"


नायडू ने फर्जी समाचारों की बुराइयों के बारे में भी बताया और मीडिया से हमेशा निष्पक्षता और सटीकता बनाए रखने का आग्रह करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया स्मार्ट फोन पर अलर्ट और फ्लैश के साथ समाचार प्रदान करने में पत्रकारों को अधिक सावधानी बरतनी होगी।


उपराष्ट्रपति ने मीडिया से भी विकास पर आधारित समाचार और कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अधिक कवर करने की अपील की। ​​नायडू ने देश में जिम्मेदार पत्रकारिता को बढ़ावा देने में अपनी भूमिका के लिए भारतीय प्रेस परिषद के प्रयासों की सराहना की। उपराष्ट्रपति ने नॉर्म्स ऑफ़ जर्नलिस्टिक कंडक्ट एडिशन -2019, प्रेस काउंसिल ऑफ़ इंडिया की निर्देशिका और पुरस्कार समारोह में एक स्मारिका का विमोचन किया।


सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मीडिया बिरादरी के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की, “आज पेड न्यूज से ज्यादा फर्जी खबरों का संकट है। फर्जी समाचार की टीआरपी ज्यादा होती है, जो समाज और देश के लिए अच्छा नहीं है। जावडेकर ने कहा कि मीडिया को अंतिम उपयोगकर्ताओं तक सही खबर पहुंचाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को समझना चाहिए।