केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय बाजार की जरूरत के अनुसार उस्ताद दस्तकारों की स्वदेशी प्रतिभाओं को प्रशिक्षित और प्रोत्साहित करने के लिए अगले पांच वर्षों में देश के हर राज्य में "हुनर केंद्र" स्थापित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। अल्पसंख्यक कार्य के मंत्रालय ने मोदी सरकार -2 के पहले 100 दिनों में देश के विभिन्न हिस्सों में 100 “हुनर केंद्र” को मंजूरी दी है। “हुनर केंद्र” में आधुनिक आवश्यकताओं के अनुसार उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों और पारंपरिक व्यंजन विशेषज्ञों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
नकवी 14 से 27 नवंबर तक प्रगति मैदान में चलने वाले 39वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में “हुनर हाट” का उद्घाटन कर रहे थे। नकवी ने कहा कि "हुनर हाट" देश भर के पारंपरिक उस्ताद दस्तकारों और शिल्पकारों को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए "केंद्र" बन गया है। इस अवसर पर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य के राज्य मंत्री किरेन रिजिजू; अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सचिव प्रमोद कुमार दास और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि जहां एक ओर देश के विभिन्न स्थानों पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा आयोजित किए जा रहे “हुनर हाट” में लाखों लोग आते हैं और दस्तकारों को प्रोत्साहित करते हैं, वहीं दूसरी ओर उत्पादों का करोड़ों रुपये का व्यवसाय होता है। इन उत्पादों को उस्ताद दस्तकार और शिल्पकार तैयार करते हैं।
नकवी ने कहा कि 2019 और 2020 में आयोजित होने वाले सभी “हुनर हाट” “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की थीम पर आधारित होंगे। अगला "हुनर हाट" 20 से 31 दिसंबर तक मुंबई में आयोजित किया जाएगा।
नकवी ने कहा कि “हुनर हाट” उस्ताद दस्तकारों और शिल्पकारों के लिए “सशक्तिकरण एक्सचेंज” साबित हुआ है। पिछले 3 वर्षों में 2 लाख 50 हजार से अधिक उस्ताद दस्तकारों, शिल्पकारों और व्यंजन विशेषज्ञों को रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिला कारीगर शामिल हैं। मोदी सरकार अगले 5 वर्षों में "हुनर हाट" के माध्यम से लाखों दस्तकारों, शिल्पकारों और पारंपरिक व्यंजन विशेषज्ञों को रोजगार के अधिक अवसर प्रदान करेगी।
प्रगति मैदान में इस "हुनर हाट" में, दस्तकारों को हस्तशिल्प और हथकरघा के काम जैसे बटिक, बाघ प्रिंट, बंधेज, बाड़मेर ऐप्टिल, बेंत और बांस, कालीन, चंदेरी, चिकनकारी, कॉपर बेल उत्पाद, ढाकाई सिल्क, के बहुत ही शानदार नमूने दिखाए जा रहे हैं। इसमें गोल्डन ग्रास, हैंडलूम एंड होम फर्निशिंग आंध्र प्रदेश, यूपी, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार और अन्य राज्यों के उत्पाद रखे गए हैं। इसके अतिरिक्त हुनर हाट में आकर्षक लकड़ी का ढोकरा क्राफ्ट (झारखंड), शिबोरी (गुजरात), ढकाई सिल्क (पश्चिम बंगाल) और ब्लैक मेटल आर्ट (छत्तीसगढ़) है। इन वस्तुओं को पहली बार "हुनर हाट" में लाया गया है। इसके अलावा, इन उस्ताद दस्तकारों और कारीगरों से जुड़े लगभग 100 लोग भी रोजगार के अवसर प्राप्त कर रहे हैं। यह "हुनर हाट" प्रगति मैदान के हॉल नंबर 7 सी में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश के सभी राज्यों की महिला कारीगरों सहित उस्ताद दस्तकार और शिल्पकार भाग ले रहे हैं।
आने वाले दिनों में, "हुनर हाट" गुरुग्राम, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, अहमदाबाद, देहरादून, पटना, इंदौर, भोपाल, नागपुर, रायपुर, हैदराबाद, पुदुचेरी, चंडीगढ़, अमृतसर, जम्मू, शिमला, गोवा, कोच्चि, गुवाहाटी, रांची, भुवनेश्वर, अजमेर और अन्य स्थानों पर आयोजित किया जाएगा।