केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए बुधवार को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एससी/एसटी आरक्षण विस्तार प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। आरक्षण 25 जनवरी 2020 को खत्म होना था। इसे 10 साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
सरकार इस सत्र में आरक्षण बढ़ाने के लिए एक विधेयक लाने जा रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विधायिका में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षण संवैधानिक संशोधनों के जरिये किया जाता है। वहीं इन श्रेणियों में नौकरी के लिए आरक्षण संबंधित राज्य सरकारें तय करती हैं।
यदि संसद में यह बिल पास होता है तो इसे जनवरी 2030 तक के लिए अनुमति मिल जाएगी। अगर इसे पारित नहीं किया जाता है तो आने वाले विधानसभा चुनावों में आरक्षण प्रभावी नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि विपक्ष कई बार केंद्र सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगता रहा है। इस बिल को पास कराया जाना लगभग तय माना जा रहा है।