सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने चालू वित्त वर्ष यानी 2019-20 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों दोनों पर ही जारी कर दिए हैं। इन अनुमानों से जुड़ी मुख्य बातों का उल्लेख नीचे किया गया है:
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में स्थिर मूल्यों (2011-12) पर जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद 35.99 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में यह 34.43 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। इस तरह यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान 4.5 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को दर्शाता है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में स्थिर मूल्यों (2011-12) पर तिमाही जीवीए यानी सकल मूल्य वर्धित (बुनियादी मूल्य) 33.16 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में यह 31.79 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह मूल या बुनियादी मूल्यों पर वास्तविक जीवीए वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है।
जिन आर्थिक गतिविधियों ने वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही तुलना में वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 4.3 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है, उनमें 'व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाएं', 'वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं' और 'लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं' शामिल हैं। इस दौरान 'कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन', 'खनन एवं उत्खनन', 'विनिर्माण', विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाओं' और 'निर्माण' की वृद्धि दर क्रमश: 2.1, 0.1, (-)1.0, 3.6 और 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में मूल या बुनियादी मूल्यों पर इस सेक्टर से संबंधित तिमाही जीवीए की वृद्धि दर 2.1 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि यह वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 4.9 प्रतिशत थी। कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन' सेक्टर के कुल जीवीए में फल-सब्जियों सहित फसलों की हिस्सेदारी लगभग 43 प्रतिशत, पशुधन की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत और वानिकी एवं मत्स्य पालन की हिस्सेदारी 18 प्रतिशत आंकी गई।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में मूल या बुनियादी मूल्यों पर इस सेक्टर से संबंधित तिमाही जीवीए की वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि यह वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में (-) 2.2 प्रतिशत थी। खनन सेक्टर के महत्वपूर्ण संकेतकों अर्थात कोयला, कच्चा तेल एवं प्राकृतिक गैस के उत्पादन और आईआईपी खनन ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान क्रमश: (-) 10.3, (-) 5.1, (-) 2.5 और (-) 1.2 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही के दौरान ये दरें क्रमश: 6.2, (-) 4.4, (-) 2.0 तथा 0.9 प्रतिशत दर्ज की गई थीं।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में बुनियादी मूल्यों पर इस सेक्टर से संबंधित तिमाही जीवीए की वृद्धि दर (-) 1.0 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि यह वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 6.9 प्रतिशत थी। आईआईपी विनिर्माण ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान (-) 0.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही के दौरान यह दर 5.6 प्रतिशत आंकी गई थी।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में मूल या बुनियादी मूल्यों पर इस सेक्टर से संबंधित तिमाही जीवीए की वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि यह वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 8.7 प्रतिशत थी। इस सेक्टर के महत्वपूर्ण संकेतक अर्थात विद्युत आईआईपी ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्ज की है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 7.5 प्रतिशत रही थी।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में बुनियादी मूल्यों पर इस सेक्टर से संबंधित तिमाही जीवीए की वृद्धि दर 3.3 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि यह वृद्धि दर वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में 8.5 प्रतिशत थी। निर्माण क्षेत्र के महत्वपूर्ण संकेतकों यथा सीमेंट उत्पादन और तैयार इस्पात की खपत ने वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही में क्रमश: 0.3 तथा 3.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में ये दरें क्रमश: 12.5 तथा 9.9 प्रतिशत दर्ज की गई थीं।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद 49.64 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में यह 46.79 लाख करोड़ रुपये आंका गया था। इस तरह यह वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान 6.1 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर को दर्शाता है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में वर्तमान मूल्यों पर तिमाही जीवीए यानी सकल मूल्य वर्धित (बुनियादी मूल्य) 45.09 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 की दूसरी तिमाही में यह 42.42 लाख करोड़ रुपये था। इस तरह मूल या बुनियादी मूल्यों पर वास्तविक जीवीए वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी तिमाही के दौरान विभिन्न सेक्टरों में वृद्धि दरें इस तरह रहीं : 'कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन' (7.4 प्रतिशत), 'खनन एवं उत्खनन' (-4.4 प्रतिशत), 'विनिर्माण' (-1.1 प्रतिशत), विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाओं' (2.3 प्रतिशत), 'निर्माण' (4.2 प्रतिशत), 'व्यापार, होटल, परिवहन एवं संचार' (6.1 प्रतिशत), 'वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाएं' (6.5 प्रतिशत) और 'लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं' (17.1 प्रतिशत)।