उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश के युवाओं को सरदार वल्लभ भाई पटेल के असाधारण जीवन, कार्यों और सिद्धांतों से प्रेरणा लेते हुए उन्ही की तरह दृढ़ संकल्प और निस्वार्थ भाव से राष्ट्र की सेवा करने के लिए कहा है।
सरदार पटेल विश्विद्यालय के 62 वे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए श्री नायडू ने आज श्री पटेल की पुण्यतिथि 15 दिसंबर पर प्रति वर्ष दीक्षातं समारोह आयोजित करने की विश्वविद्यालय की पुरानी पंरपरा की सराहना करते हुए कहा कि यह एक तरह से उस महान नेता के प्रति सम्मान प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल आज भी देश के लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। दूर दृष्टि, निर्णायक फैसलों तथा भारत की एकता और अखंडता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्र हमेशा उनका कृतज्ञ रहेगा।
युवाओं को नए और उभरते भारत का भविष्य बताते हुए उपराष्ट्रपति ने उनसे देश के सर्वांगीण विकास में बाधक गरीबी,लैंगिक भेद-भाव,साम्प्रदायिकता तथा भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक कुरीतियों का खत्म करने के काम में आगे आने को कहा। उन्होंने युवाओं से भारत की सदियों पुरानी नवाचार की विरासत को आगे बढ़ाने तथा व्यावहारिक और मानक समाधानों का पता लगाने कर अपील की। उपराष्ट्रपति ने कहा "आपका कार्य एक ऐसे 'न्यू इंडिया' का निर्माण करना है, जहां प्रगति, शांति और स्थिरता नवाचार और उत्कृष्टता पर आधारित हो," उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया ऐसी संकीर्ण दीवारों से मुक्त रहना चाहिए जो लोगों को बांटती हों। उन्होंने सभी से देश की एकता,अखंडता और प्रगति के प्रति समर्पित रहने को कहा।
भारत को सभ्यता का पालना बताते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में जो सांस्कृतिक, भाषाई और धार्मिक विविधता पाई जाती है, वह दुनिया में कहीं और नहीं मिल सकती है। उन्होंने आगे कहा कि भारत की समृद्ध संस्कृति, विविधता और इसकी प्राचीन सभ्यता के मूल मूल्यों की रक्षा करना सभी का सामूहिक प्रयास होना चाहिए। श्री नायडू ने छात्रों में राष्ट्रीयता की भावना विकसित करने का भी आह्वान किया ताकि वे देश की एकता और अखंडता के लिए प्रतिबद्ध हो सकें।
युवा पीढ़ी में अनुशासन और कर्तव्यपरायणता की भावना विकसित करने पर जोर देते हुए श्री नायडू ने कहा कि किसी के भी द्वारा विश्वविद्यालयों का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
सरदार पटेल की विरासत के उत्तराधिकारियों के सवाल पर श्री नायडू ने कहा कि सरदार पटेल पूरे देश के हैं और जो भी उनके जीवन और दृष्टिकोणों का अनुसरण करता है वह सरदार पटेल की विरासत का हकदार है। उन्होंने कहा कि समावेशन हमारी विकास योजनाओं का आधार होना चाहिए, क्योंकि समृद्धि तभी सार्थक होगी, जब यह दलितों और समाज के हाशिए पर रहने वाले तबकों तक भी पहुंचे।
श्री नायडू ने किसी भी प्रस्तावित विकास एजेंडे को हमेशा टिकाऊपन के पैमाने पर खरा उतरने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि विकास के नाम पर पर्यावरण की बलि नहीं चढ़ाई जानी चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने स्थिति की गंभीरता का जिक्र करते हुए कहा कि हर किसी को हमारी विकास योजनाओं से जुड़े पर्यावरणीय परिणामों के बारे में जानकारी रखनी चाहिए या फिर इसके विनाशकारी परिणामों और प्रकृति के प्रकोप को झेलने के लिए तैयार रहना चाहिए।
गुजरात के शिक्षा मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चदासमा,शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती विभाबारी बेन, सरदार पटेल विश्वविद्यालय के उपकुलपति प्रोफेसर सतीश कुलकर्णी इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में शामिल थे।