भारत और गाम्बिया के कार्मिक प्रशासन के नवीकरण के बारे में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर काम करने के लिए भारत और गाम्बिया सहमत हुए हैं। प्रशासिनक सुधार और लोक शिकायतें विभाग (डीएआरपीजी) तथा राष्ट्रीय सुशासन केन्द्र (एनसीजीसी) गाम्बिया के कार्मिक प्रशासन के नवीकरण के बारे में एक समझौता ज्ञापन के माध्यम से तकनीकी सहायता और विकास सहयोग उपलब्ध कराएंगे। यह जानकारी केन्द्रीय पूर्वोत्तर विकास विभाग, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायतें एवं पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने दी। वे गाम्बिया लोक सेवा आयोग के शिष्टमंडल के साथ बातचीत कर रहे थे। गाम्बिया लोक सेवा आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री आवा ओबेर के नेतृत्व में 11 सदस्यीय शिष्टमंडल 2 से 6 दिसम्बर, 2019 तक भारत की यात्रा पर है। इस यात्रा का उद्देश्य कार्य निष्पादन प्रबंधन प्रणाली, भर्ती प्रबंधन प्रणाली और सिविल सर्विस पेंशन योजना में सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया का अध्ययन करना है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले पांच वर्षों के दौरान अनेक व्यापक प्रशासनिक सुधार शुरू किए हैं। इनमें न्यूनतम पेंशन निर्धारण, 80 से 100 साल के बुजुर्गों की पेंशन बढ़ोतरी में नवाचार, निचले स्तर की भर्तियों में साक्षात्कार को समाप्त करना और 'अनुभव योजना' के तहत सेवानिवृत्त कर्मचारियों से फीडबैक प्राप्त करना शामिल हैं। उन्होंने सुशासन में भारत के अनुभव और श्रेष्ठ प्रक्रियाओं के बारे में गाम्बिया के साथ जानकारी साझा करने का प्रस्ताव किया। उन्होंने कहा कि गाम्बिया भारत में शुरू की गई ई-भर्ती, कार्य निष्पादन मूल्यांकन और पेंशन मॉडल अपना सकता है।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि संघ लोक सेवा आयोग को सिविल सेवाओं की भर्ती में कुशल और पारदर्शी प्रक्रिया के लिए वैश्विक रूप से प्रशंसा प्राप्त हुई है। सरकार राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी स्थापित करने की व्यवहार्यता के बारे में भी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत और गाम्बिया का औपनिवेशिक शासन का साझा इतिहास है और दोनों देश युवा राष्ट्र हैं। भारत कार्मिक प्रशासन के नवीकरण में गाम्बिया के साथ सहयोग स्थापित करने का इच्छुक है जो सुशासन के लिए प्रशासिनक सुधारों का एक अभिन्न अंग है। सहयोग की रूपरेखा के बारे में डीएआरपीजी और एनसीजीसी अधिकारियों द्वारा गाम्बिया से आए शिष्टमंडल के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत के कार्मिक प्रशासन की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रिया को गाम्बिया को उपलब्ध कराना होगा।
इससे पहल शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए डीएआरपीजी के अपर सचिव श्री वी श्रीनिवास ने कहा कि इन्हें संघ लोक सेवा आयोग का दौरा करने और सिविल सेवा भर्ती के बारे में जानने का भी अवसर उपलब्ध होगा। यह शिष्टमंडल कर्मचारी भर्ती आयोग भी जाएगा और अधीनस्थ सिविल सेवा भर्ती के बारे में प्रशिक्षण प्राप्त करेगा। अन्य कार्यक्रमों में यूआईडीएआई, पासपोर्ट सेवा केन्द्र और दिल्ली मेट्रो के दौरे शामिल हैं। महाराष्ट्र सरकार के लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के साथ भी एक वीडियो कॉन्फ्रेंस सत्र के आयोजन की भी योजना बनाई गई है।
गाम्बिया के शिष्टमंडल ने कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव डॉ. सी. चन्द्रमौलि, अपर सचिव डीएआरपीजी श्री वी श्रीनिवास के साथ कार्यनिष्पादन प्रबंधन प्रणाली के बारे में बातचीत की। डॉ. चन्द्रमौलि ने कहा कि भारत में कार्मिक प्रशासन की श्रेष्ठ प्रक्रियाओं द्वारा समयबद्ध कार्य निष्पादन मूल्यांकन के लिए ऑनलाइन पोर्टल, संघ लोक सेवा आयोग और कर्मचारी भर्ती आयोग जैसी भर्तियों के लिए संवैधानिक संस्थान और भ्रष्टाचार को पूरी तरह रोकने के साथ नैतिकता और जवाबदेही पर ध्यान केन्द्रित करके प्रतिनिधित्व किया जाता है। भारत की डिजिटल उपलब्धियां शासन के अनेक पहलुओं, जन-धन आधार और मोबाइल की जेएएम त्रिमूर्ति में देखी जा सकती हैं। इनसे लाभार्थियों के बैंक खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से अनेक सरकारी योजनाओं में प्रभावी रूप से पारदर्शिता आई है। अच्छे शासन का पूरा उद्देश्य प्रौद्योगिकी के बेहतर उपयोग से सरकार और नागरिकों के बीच अंतर को कम करना है। डीएआरपीजी के अपर सचिव वी. श्रीनिवास, रेल मंत्रालय के कार्यकारी निदेशक विवेक श्रीवास्तव, डाक विभाग की उपमहानिदेशक प्रतिभा नाथ, एनआईसी की उपमहानिदेशक अलका मिश्रा के साथ भारत की लोक शिकायत निवारण प्रणाली के बारे में बातचीत हुई।