गृह मंत्री के नेतृत्व में पांच केंद्रीय मंत्रियों की समिति प्याज की कीमतों और उपलब्धता की बारीकी से निगरानी कर रही है: पासवान

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास कर रही है कि देश भर में प्याज की कीमतों को नियंत्रित किया जाए। देश के नागरिकों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों सहित विभिन्न मुद्दों पर मीडिया को संबोधित करते हुए पासवान ने कहा कि प्याज की बढ़ती हुई कीमतें केंद्र सरकार के लिए एक चिंता का विषय हैं और गृह मंत्री की अध्यक्षता में पांच केंद्रीय मंत्रियों की एक समिति द्वारा इस स्थिति पर नजर रखी जा रही है, जिसकी एक बैठक पहले हो चुकी है और जल्द ही इसकी दूसरी बैठक होगी। कैबिनेट सचिव और सचिवों की एक समिति भी स्थिति पर नजर रखी हुई है और विचार-विमर्श के आधार पर उपयुक्त नीतिगत हस्तक्षेपों को किया जा रहा है।


केंद्रीय उपभोक्ता मामले के मंत्री ने इस वास्तविकता पर भी बल दिया कि शुरूआत में मानसून में हुई देरी के कारण प्याज के घरेलू उत्पादन में 26% की गिरावट दर्ज की गई, जिसके बाद बुवाई में देरी हुई और बेमौसम बारिश और चक्रवात आए और सरकार द्वारा 57,000 टन प्याज का भुगतान बफर स्टॉक से किया गया इसलिए अब प्याज को आयात करने की आवश्यकता है। प्याज के आयात पर बात करते हुए पासवान ने कहा कि प्याज की खेती का मौसम दुनिया भर में समाप्त हो चुका है सिवाए तुर्की और हॉलैंड को छोड़कर और सरकार इन देशों और मिस्र से प्याज का स्टॉक प्राप्त करने का पूरा प्रयास कर रही है जिससे कि राज्यों और सहकारी समितियों में इसका वितरण जल्द से जल्द किया जा सके। इन देशों के भारतीय दूतावासों द्वारा इन देशों से स्टॉक की आवाजाही को सरल बनाने का प्रयास किए जा रहे हैं।


पाइप लाईन द्वारा मिलने वाली पानी की गुणवत्ता के बारे में बात करते हुए राम विलास पासवान ने इस बात को दोहराया कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा का मामला है और इस पर किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन हजारों बच्चे विभिन्न जल जनित बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं और इसलिए यह सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है कि साफ और सुरक्षित पीने योग्य पेयजल सभी को उपलब्ध हो सके, विशेष रूप से गरीबों में भी गरीब  लोगों के लिए जो किसी भी प्रकार के जल शोधन तंत्र जैसे आरओ या पानी फिल्टर पर होने वाले खर्च का वहन नहीं कर सकते हैं। पासवान ने राज्य सरकारों से भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानकों को लागू करने और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण जल उपलब्ध कराने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य जनता में जागरूकता फैलाना है जिससे वे जल जनित बीमारियों की चपेट में न आएं।