ह्लाद सिंह पटेल ने राष्‍ट्रीय संग्रहालय में जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी से युक्‍त ‘कलश’ का अनावरण किया

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


केन्‍द्रीय संस्‍कृति एवं पर्यटन राज्‍य मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने दिल्‍ली के राष्‍ट्रीय संग्रहालय में जलियांवाला बाग की पवित्र मिट्टी से युक्‍त 'कलश', शहीद की मिट्टी का अनावरण किया।


इस अवसर पर पटेल ने कहा कि युवाओं विशेषकर बच्‍चों को प्रेरित करना तथा स्‍वाधीनता आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना ही राष्‍ट्रीय संग्रहालय में जलियांवाला बाग की मिट्टी से युक्‍त 'कलश' को दर्शाने के पीछे मुख्‍य अवधारणा है। उन्‍होंने कहा कि यह कोई मामूली मिट्टी नहीं है, यह सबसे बड़े बलिदानों का हिस्‍सा है और हम उनके बलिदानों का सम्‍मान करना चाहते हैं। अब राष्‍ट्रीय संग्रहालय में आने वाले लोग यह जान सकेंगे कि देश के स्‍वतंत्रता आंदोलन के दौरान उनके पूर्वजों ने किस प्रकार अपना बलिदान किया था।


पटेल जब ऐतिहासिक जलियांवाला बाग राष्‍ट्रीय स्‍मारक गए थे तब वहां से पवित्र मिट्टी लेकर आए थे। बलिदान की भूमि से यह पवित्र मिट्टी 100 वर्ष के बाद राष्‍ट्रीय संग्रहालय पहुंची है।


13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में बैसाखी त्‍योहार के दौरान जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ था, जब कर्नल रेजिनाल्‍ड डायर के नेतृत्‍व में ब्रिटिश भारतीय सेना ने स्‍वतंत्रता समर्थक प्रदर्शन में शामिल जनसमूह पर गोलियां चलाई थीं, जिसमें 41 बच्‍चे समेत 400 से अधिक लोग मारे गए थे।


ब्रिटिश साम्राज्‍यवादी युग के 1919 के नरसंहार की शताब्‍दी पूरी होने पर इस कलश को राष्‍ट्रीय संग्रहालय में लोगों के दर्शन के लिए रखा जाएगा। इससे दर्शकों, विशेषकर युवाओं और बच्‍चों को भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन के दौरान किए गए बलिदानों के बारे में अधिक जानकारी मिलेगी और वे प्रेरणा ग्रहण करेंगे।