जामिया के निर्दोष छात्रों के साथ पुलिस बर्बरता के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस ने पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन किया

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


दिल्ली के जामिया मीलिया विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ मोदी सरकार के इशारे पर किए गए पुलिसिया जुल्म के खिलाफ गुस्साऐं नौजवानों व भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिल्ली प्रदेश कांगेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी  इस जुल्म के लिए दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग कर रहे थे।


प्रदर्शन में प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा के अलावा पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल, अरविन्दर सिंह लवली, पूर्व सांसद कीर्ति आजाद, जगदीश टाईटलर, उदित राज, कृष्णा तीरथ, रमेश कुमार, परवेज हाश्मी, मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता, पूर्व विधायक सर्वश्री मुकेश शर्मा, चौ. मतीन अहमद, आसिफ मौहम्मद, डा. किरण वालिया, डा. नरेन्द्र नाथ, आदि प्रदर्शनकारियों के आगे पुलिस व सरकार के खिलाफ नारे लगाते  हुए चल रहे थे।


पुलिसिया कार्यवाही से गुस्साऐं प्रदर्शनकारी आज दोपहर से ही राजीव भवन कार्यालय में जमा होने शुरु हो गए थे। पुलिस के भारी बंदोबस्त के बीच कार्यकर्ता ''जनतंत्र पे गन की मार, अत्याचारी मोदी सरकार'', ''छात्रों पर गोली चलवाऐ, वो सरकार निकम्मी है'', ''छात्रों पर डंडा बरसाऐ-वो सरकार निकम्मी है, जो सरकार निकम्मी है-वो सरकार बदलनी है'', ''छात्रों पर डंडों से प्रहार, दमनकारी मोदी सरकार'', ''छात्रों पर गोली की मार, शर्म करो-मोदी सरकार'', ''छात्रों पर पुलिस का अत्याचार, शर्म करो-मोदी सरकार''  नारे लगाते हुए जब पुलिस मुख्यालय की ओर बढ़े तो  पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच जबरदस्त टकराव हुआ।


प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए सुभाष चोपड़ा ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केन्द्र सरकार की मंशा देश में खुशहाली और शांति स्थापित करने की बजाए अस्थिरता फैलाने की है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार द्वारा नागरिकता विधेयक में संशोधन का मकसद केवल देश में धार्मिक धुव्रीकरण करके अस्थिरता फैलाना है। उन्होंने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी, जीडीपी का लगातार गिरना, विकास दर का कम होना और लगातार बंद हो रहे औद्योगिक उपक्रमों से देश की जनता का ध्यान हटाने के लिए मोदी सरकार साजिश के तहत इस विधेयक को लाई है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में सभी धर्मों और वर्गों को समानता देने का प्रावधान है, इसलिए यह विधेयक पूरी तरह संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ होने के साथ-साथ गैरकानूनी भी है। उन्होंने तुरंत प्रभाव से इस विधेयक को वापस लेने की मांग की।


जयप्रकाश अग्रवाल, अरविन्दर सिंह लवली, परवेज हाश्मी ने कल जामिया में निर्दोष छात्रों के साथ पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की भर्त्सना करते हुए कहा कि यह कार्यवाही सरकार की कायरता का प्रमाण है, जिसे सभ्य समाज सहन नही कर सकता। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा धर्म निरपेक्षता की रक्षा की है।


 लवली ने जामिया के छात्रों के प्रति अपनी सहानूभूति जताते हुए कहा कि जो अन्याय कल हुआ है, वो आजाद भारत के लिए कंलक के समान है और इस कार्यवाही ने भारतीय लोकतंत्र की खूबसूरती को कंलकित किया है।


कीर्ति आजाद और मुकेश शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक ''कीचड़ फैलाकर कमल खिलाना'' मोदी-शाह की जोड़ी का घिनौना प्रयास है। उन्होंने कहा कि जामिया के छात्रों को आंदोलन करने का पूरा अधिकार है और सरकार बंदूक की नोक पर इस आंदोलन को दबाने का प्रयास करके खतरनाक खेल खेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस जामिया के छात्रों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का पूर्ण समर्थन करती है।


चौ. मतीन अहमद और आसिफ मौहम्मद ने एक स्वर में जामिया में की गई पुलिस कार्यवाही की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि आज देश में चौतरफा लगी आग के लिए सीधे तौर पर मोदी सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि यह देश सबका है और सबको अपनी बात कहने का अधिकार है और बोलने के अधिकार को छीनने का जोरदार विरोध होगा।