दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने उच्च शिक्षा एवं विश्वविद्यालय व्यवस्था पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं कुलपतियों के जरिए, हो रहे लगातार हमले की कड़ी निन्दा की। हाल की कुछ घटनाओं से जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय एवं दिल्ली विश्वविद्यालय इन्हीं हमलों का शिकार रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय में 28 अगस्त 2019 को जारी की गई अधिसूचना के जरिए लगभग 5000 तदर्थ शिक्षकों की पुनः नियुक्ति पर रोक लगा दी गई है तथा नवम्बर महीने के उनके वेतन पर भी रोक लगा दी गई है।
सुभाष चोपड़ा ने कहा कि कांग्रेस शिक्षक समुदाय पर हो रहे इन गंभीर हमलों की कड़ी निन्दा करती है क्यांकि इससे लगभग 5000 तदर्थ शिक्षक जो कि विगत कई सालों से दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत थे, इनका जीवन यापन संकट में आ गया है।
चोपड़ा ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी अधिसूचना से प्रभावित शिक्षकगणो का विरोध लोकतांत्रिक मूल्यों के अर्न्तगत अपने अधिकारों के लिए विरोध जताना सही है। मानव संसाधन मंत्रालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं विश्वविद्यालय प्रशासन की यह नैतिक जिम्मेदारी है कि वे शिक्षकों की इन जायज मांगों/अधिकारों को पूरा करे।