मालिकाना अधिकार देने संबधी संसद में पारित बिल से डीडीए को मिला घूंस लेने का लाईसेंस- मुकेश शर्मा

 


 



 


दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने केन्द्र की भाजपा सरकार व दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर आधी से ज्यादा अनाधिकृत कालोनियों को उजाड़ने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 19 नवम्बर 2019 की अधिसूचना की धारा 7 के पार्ट ए में मौजूद प्रावधान अनाधिकृत कालोनियों के निवासियों के खिलाफ एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की अधिसूचना को रद्द करके नई अधिसूचना जारी करना भाजपा व केजरीवाल सरकार की अनाधिकृत कालोनियों के प्रति उनकी नीति नियत दोनो में खोट है, इसको साबित करती है।


चोपड़ा प्रदेश कार्यालय में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जय प्रकाश अग्रवाल, अरविन्दर सिंह लवली, चुनाव अभियान समिति के चैयरमेन कीर्ति आजाद, मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता मुकेश शर्मा, पूर्व सांसद रमेश कुमार व महिला काग्रेस अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी, पूर्व विधायक हसन अहमद के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अनाधिकृत कालोनियों पर बोल रहे थे।


चोपड़ा ने कहा कि भाजपा शुरु से इन कालोनियों की दुश्मन है, उन्होंने याद दिलाया कि तत्कालीन शहरी विकास मंत्री जगमोहन जिन्हें दिल्ली का ''बुलडोजर मंत्री'' कहा जाता था, उन्होंने बकायदा उच्च न्यायालय में एक शपथ पत्र देकर इन कालोनियों को उजाड़ने की बात कही थी। चोपड़ा ने याद दिलाया कि तत्कालीन दिल्ली सरकार की शहरी विकास सचिव सुमन स्वरुप ने केन्द्र सरकार और उपराज्यपाल के दवाब में जब इस शपथ पत्र का समर्थन किया तो उसके ठीक बाद स्व. श्रीमती शीला दीक्षित के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर बकायदा इसका विरोध करते हुए स्पष्ट किया था कि इन कालोनियों के नियमन में 1976-77 की स्व0 इंदिरा जी की नीति के अलावा कोई नीति हमें मंजूर नही है।


चोपड़ा ने यह भी याद दिलाया कि भाजपा ने इन कालोनियों के खिलाफ अदालत में मुकद्मा डालने वाले ''कॉमन कॉज'' के एस.डी शोरी को बकायदा भाजपा कार्यकाल में सम्मानित भी किया।  उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस को स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी की नीति के अलावा कोई नीति मंजूर नही है। उन्होंने हरप्रीत पुरी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने पाकिस्तान से आए हुए रिफयूजियों का न केवल मजाक उड़ाया है बल्कि गांव वालो का भी मजाक उड़ाया है। उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही का हवाला देते हुए कहा कि मुझे गर्व है कि मैं रिफयूजी हूँ, लेकिन साथ ही मैं दिल्ली के ग्रामीणों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने हमें गले लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जिसने हमेशा अनाधिकृत कालोनियों का न केवल भला किया है बल्कि जब भी कालोनियां नियमित  हुई है वो कांग्रेस के समय में ही हुई है।


अरविन्दर सिंह लवली ने कहा कि दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने संबधी कांग्रेस शासन काल की अधिसूचना को रद्द करके भाजपा ने एक बड़ी साजिश रची है जिसे कांग्रेस कभी कामयाब नही होने देगी। उन्होंने कहा कि चुनावी हड़बड़ाहट में दिल्ली में अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करने संबधी पॉलिसी की अधिसूचना ठीक उसी तरह है जैसे महाराष्ट्र में जल्दबाजी में भाजपा ने सरकार बनाई और उन्हें मुह की खानी पड़ी।


अरविन्दर सिंह लवली ने केन्द्र व दिल्ली सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि नई अधिसूचना के साथ दोनो सरकारें मिलकर 180 दिन में यदि इस प्रक्रिया को पूरा कर लेंगी तो मैं सार्वजनिक जीवन से सन्यास ले लूंगा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने न केवल इन कॉलोनियों को नियमित करने संबधी अधिसूचना जारी की थी बल्कि बकायदा मास्टर प्लान में भी इसका प्रावधान किया था। उन्होंने कहा कि नई अधिसूचना मास्टर प्लान की भी अवहेलना है। आक्रामक लवली ने कहा कि दिल्ली के 40 लाख लोगों के साथ धोखा हुआ है, जिसे सहन नही किया जा सकता। उन्होंने स्पष्ट किया कि ओखला, बुलंद मस्जिद, पूर्वी दिल्ली व दक्षिणी दिल्ली की अधिकांश कालोनियों को नई नीति के अनुसार नियमित नही किया जा सकेगा।


कीर्ति आजाद ने कहा कि भाजपा की नीति और नियत दोनो में खोट है। उन्होंने कहा कि जो लोग दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज है, उन्हें आज अपने मकान का दोबारा मालिक बनने के लिए भाजपा सरकार ने एंडरायड फोन व कम्प्यूटर का सहारा लेने के लिए मजबूर कर दिया है। उन्होंने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि 40 लाख लोगों के लिए क्या एक कम्पयूटर काम कर सकता है। उन्होंने अनाधिकृत कालोनियों के संबध में केन्द्र व दिल्ली सरकार की नीतियों को पूरी तरह उन्हें मारने वाला बताते हुए कहा कि कांग्रेस जनता को उजाड़ने वाली नीति के खिलाफ अब सड़कों पर जाएगी और भाजपा और आप पार्टी के षडयंत्र का पर्दाफाश करेगी।


मुकेश शर्मा ने कहा कि 19 नवम्बर 2019 की कॉलोनियों के नियमन संबधी अधिसूचना को अनाधिकृत कालोनियों के लिए ''मौत का वारंट'' करार देते हुए मांग की कि इस अधिसूचना को तुरंत रद्द किया जाए व स्व0 इंदिरा जी की 1976-77 की नीति के आधार पर नई अधिसूचना जारी की जाए। उन्होंने कल संसद में पारित बिल पर तंज कसते हुए कहा कि 40 लाख लोगों को मकान मालिक से इस ''चुनावी धोखा बिल'' ने किराऐदार व लीज होल्डर बना दिया है।


मुकेश शर्मा ने कहा कि दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों के लोग पहले ही दिल्ली नगर निगम, दिल्ली सरकार व पुलिस की घूंस खोरी से परेशान है, और अब केन्द्र सरकार ने डीडीए को भी रिश्वत लेने का अधिकार इस नए बिल में दे दिया है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वो डीडीए को कोई पैसा न दे। कांग्रेस 612 कालोनियों की तरह सभी अनाधिकृत कालोनियों को नियमित करेगी और इन्हीं कालोनियों की तरह बिना शुल्क लिए रजिस्ट्री भी करवाऐगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अधिसूचना और बिल के रुप में पिटारा सड़क पर छोड़ दिया है, पिटारे में बंद नाग दोनों सरकारों को डस लेगा।