प्रधानमंत्री का स्‍कूली बच्‍चों से संवाद कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा-2020’ के तीसरे संस्‍करण के लिए ‘लघु निबंध’ प्रतियोगिता की शुरुआत

 


 



 


माई गोव के सहयोग से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रधानमंत्री के स्‍कूली बच्‍चों से संवाद कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा-2020' के तीसरे संस्‍करण के लिए 'लघु निबंध' प्रतियोगिता की शुरुआत की है। इस प्रतियोगिता में कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थी भाग ले सकते हैं। यह कार्यक्रम अगले महीने आयोजित किया जाएगा। प्रतियोगिता के लिए प्रविष्टियां जमा करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया 2 दिसंबर, 2019 से शुरू कर दी गई है। पिछले वर्षों की तरह कार्यक्रम के लिए पूछे जाने वाले प्रश्‍न छात्रों से आमंत्रित किए गए हैं। जिन छात्रों की प्रविष्टियों को दोनों प्रतियोगिताओं के लिए सर्वश्रेष्‍ठ माना जाएगा उन्‍हें दिल्‍ली में होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।


प्रधानमंत्री का स्‍कूल व कॉलेज के छात्रों के साथ पहला संवाद कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा-1.0' का आयोजन 16 फरवरी, 2018 को तालकटोरा स्‍टेडियम, नई दिल्‍ली में किया गया था। उक्त कार्यक्रम के दूसरे भाग 'परीक्षा पे चर्चा-2.0' का आयोजन भी तालकटोरा स्‍टेडियम, नई दिल्‍ली में ही 29 जनवरी, 2019 को किया गया था।


स्‍कूली विद्यार्थियों के साथ प्रधानमंत्री का तीसरा संवाद कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा 2020' का आयोजन तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली में ही जनवरी, 2020 के तीसरे सप्ताह में होना प्रस्तावित है।


पीपीसी 2020 का प्रारूप पिछले दो आयोजनों के समान 'टाउन हॉल' में होगा, जो स्‍वयं में अनूठा है और जिसमें प्रधानमंत्री नई दिल्‍ली के तालकटोरा स्‍टेडियम में स्‍कूली विद्यार्थियों से संवाद करेंगे। पिछले दो वर्षों में यह प्रारूप काफी सफल रहा है। पीपीसी 2020 में लगभग 2000 स्‍कूली विद्यार्थी भाग लेंगे।


पिछले वर्ष डीडी/टीवी चैनलों/रेडियो चैनलों पर देश भर के 8.5 करोड़ से अधिक छात्रों ने कार्यक्रमों को देखा अथवा सुना। इसे व्यापक तौर पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा कवर किया गया। समाचार माध्यम की रिपोर्ट के अनुसार बातचीत के इस कार्यक्रम ने सोशल मीडिया पर धूम मचा दिया और 'परीक्षा पर चर्चा' पर आधारित बातचीत को सर्वश्रेष्ठ कार्यक्रम साबित हुआ, जिसके लिए ट्वीटर पर 2.5 मिलियन से अधिक संदेश पाये गए। इसे यूट्यूब, फेसबुक लाइव, वेबकास्टिंग आदि पर व्यापक रूप से देखा गया। पिछले वर्ष की तरह, विदेश में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों की भागीदारी को भी प्रोत्साहन दिया गया।