रिपोर्ट : अजीत कुमार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीडन के राजा महामहिम किंग कार्ल सोलहवें गुस्ताफ और रानी सिल्विया की राष्ट्रपति भवन में अगुवानी की। उन्होंने उनके सम्मान में एक भोज का भी आयोजन किया।
राजा और रानी दोनों का भारत में स्वागत करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और स्वीडन के द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत स्वीडन को अपने मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्वच्छ भारत, डिजिटल इंडिया और स्मार्ट सिटी कार्यक्रमों में एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखता है। स्वीडन की कंपनियों ने भारत में महत्वपूर्ण निवेश किया है। इन कंपनियों के लिए स्वच्छता प्रौद्योगिकियों, सर्कुलर अर्थव्यवस्था, जल भागीदारी और अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे में विशेष रूप से और अधिक निवेश करने की संभावनाएं मौजूद हैं। रक्षा क्षेत्र में भारत की प्रगति और क्षमता स्वीडन की कंपनियों के लिए भारत के घरेलू बाजार और निर्यात दोनों के लिए भारत में विनिर्माण करने के महत्वपूर्ण अवसर उपलब्ध कराती है। स्वास्थ्य क्षेत्र घनिष्ठ सहयोग का एक अन्य क्षेत्र है। भारतीय कंपनियों ने बड़ी संख्या में विशेष रूप से स्वीडन के सूचना प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी समाधान क्षेत्रों में निवेश किया है। हमारी आर्थिक अर्थव्यवस्था एक दूसरे की पूरक है तथा भारत-स्वीडन अपने व्यापार और प्रौद्योगिकी सहयोग को और गहरा बनाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी वैश्विक भागीदारी हमारे द्विपक्षीय संबंधों की तरह बहुत उत्साहजनक है। भारत और स्वीडन दोनों ही जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उद्योग संक्रमण ट्रैक में हमारा सह-नेतृत्व बहुत उपयोगी रहेगा। उन्होंने स्वीडन को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत आर्कटिक क्षेत्र में स्वीडन के साथ जुड़ने का इच्छुक है। ध्रुवीय अनुसंधान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और समुद्री यात्रा के क्षेत्रों में तीन अनुबंधों का आदान-प्रदान भारत के राष्ट्रपति और स्वीडन के राजा की उपस्थिति में हुआ।
चिल्ड्रन्स क्लाइमेट प्राइज-2019 के विजेता विहान और नव अग्रवाल राष्ट्रपति और स्वीडन के राजा से मिले। यह पुरस्कार जलवायु परिवर्तन के मुद्दों को सामने लाने के लिए स्वीडन की विद्युत कंपनी तेल्गी एनर्जी ने वर्ष 2016 में शुरू किया था। यह पुरस्कार जलवायु और पर्यावरण के लिए असाधारण प्रयास करने वाले 12 से 17 वर्ष की आयु के बच्चों या युवाओं को प्रदान किया जाता है। इसके बाद, राष्ट्रपति ने भोज के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि हमारी नवाचार भागीदारी में व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं। हमारा कौशल और हमारी प्रतिबद्धता हमें चौथे औद्योगिक आंदोलन का नेता बना सकती है। लेकिन हमें इससे भी आगे देखना होगा। मशीन आसूचना के विश्व में दुनिया को समानता, लोगों की मूल जरूरतों को पूरा करने और अपने प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा तथा अपने उपग्रहों का संरक्षण किया जाना चाहिए। भारत सर्कुलर अर्थव्यवस्था, संसाधन दक्षता और जलवायु स्मार्ट मॉडल के साथ जुड़ना चाहता है। राष्ट्रपति ने कहा कि नमामि गंगे से जल जीवन मिशन तथा स्वच्छ भारत से स्मार्ट सिटी तक भारत के सामाजिक, आर्थिक कार्यक्रम दोनों देशों के लिए मिलकर काम करने के अनेक अवसर जुटाते हैं।