उन्नाव गैंगरेप केस की पीडि़ता ने शुक्रवार रात दिल्ली के अस्पताल में दम तोड़ दिया था। इसके बाद से ही पूरे देश में इस मामले को लेकर जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। शनिवार को योगी सरकार ने पीडि़त परिवार पर कुछ मरहम लगाते हुए उसे 25 लाख रुपए के मुआवजे का चेक सौंपने के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने की घोषणा की थी। साथ ही मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक में चलाने का फैसला किया। पीडि़ता का शव देर रात गांव पहुंचा।
कड़ी सुरक्षा के बीच आज रविवार को अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही थी, लेकिन परिजन इसके लिए राजी नहीं हुए। उन्होंने पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग की। दूसरी ओर, पीडि़ता की बहन ने सरकारी नौकरी की मांग रखी। हालांकि जिद पर अड़े परिवार से पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारियों ने बात की और उन्हें अंतिम संस्कार के लिए मना लिया। कड़ी सुरक्षा के बीच पीड़िता को गांव के बाहरी इलाके में खाली पड़े मैदान में दफना दिया गया।
लखनऊ के पुलिस कमिश्नर मुकेश मेशराम ने कहा कि पीडि़ता की बहन को 24 घंटे सुरक्षा देने का निर्णय लिया गया है। परिवार के अन्य सदस्यों को भी सुरक्षा दी जाएगी। पीडि़ता की बहन के लिए नौकरी का इंतजाम किया जाएगा। परिजनों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दो मकान आवंटित किए जाएंगे। साथ ही दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि गुरुवार सुबह पीडि़ता को आरोपियों ने जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की थी। बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।