याद आया ‘उपहार कांड’, आग ने ली 43 लोगों की जान

 


 



 


दिल्ली के रानी झांसी रोड बाजार में रविवार को आग लगने से कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई, जबकि एक दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय राजधानी के अग्निशमन विभाग ने दी। घटना में मरे लोग मजदूर हैं, जो कारखाने में रविवार सुबह 4.30-5 बजे के आस-पास लगी आग के दौरान सो रहे थे।


घटना के बाद अब तक 60 से अधिक लोगों को वहां से निकाला जा चुका है और उन्हें लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल और लेडी हॉर्डिग हॉस्पिटल में ले जाया गया है। एलएनजेपी अस्पताल में 34 और लेडी हॉर्डिग अस्पताल में 9 लोगों के मरने की सूचना मिली है।


अग्निशमन विभाग ने बताया कि बाजार में आग लगने की सूचना उन्हें सुबह करीब 5.22 पर मिली, जिसके बाद 25 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। आग लगने की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लग सकती है।


दिल्ली अग्निशमन विभाग के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि, आग लगने से करीब 40 लोगों की मौत हो गई, आग एक बैग बनाने वाले कारखाने में लगी है, वहीं आग आस-पास की दो अन्य इमारतों में फैल गई। मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। पुलिस ने बताया कि कारखाने के मालिक के खिलाफ आवासीय क्षेत्र से बैग बनाने के कारखाने के संचालन और सुरक्षा मापदंडों का पालन न करने को लेकर मामला दर्ज कर लिया गया है।


मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटनास्थल जाकर मुआयना किया। उन्होंने कहा कि 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। आग का कारण अभी पता नहीं चला है और मामले की मजिस्ट्रेट जांच होगी। दिल्ली सरकार मृतकों के परिजनों को 10 लाख और घायलों को 1 लाख रुपए का मुआवजा देगी।


दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख और घायलों को 25-25 हजार रुपए की सहायता देने का ऐलान किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहायता कोष (पीएमएनआरएफ) से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपए देने का ऐलान किया।


साल 1997 में 13 जून के दिन दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क इलाके में उपहार सिनेमा में लगी भीषण आग के बाद इस घटना को दिल्ली में आग लगने की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक माना जा रहा है। उस समय के उक्त हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई थी और सौ से अधिक घायल हो गए थे।