महाराष्ट्र का 53वां वार्षिक निरंकारी संत समागम शुक्रवार से

रिपोर्ट: अजीत कुमार


 



 


सत्य, प्रेम एवं एकत्व का संदेश देने के लिए महाराष्ट्र के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल नाशिक में आयोजित महाराष्घ्ट्र के 53वें वार्षिक निरंकारी संत समागम का प्रारंभ शुक्रवार, 24 जनवरी को संत निरंकारी मिशन की प्रमुख परम पूज्य निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के पावन छत्रछाया में हो रहा है।
इस समागम के उपलक्ष्य में समागम स्थल पर बुधवार 22 जनवरी को आयोजित पत्रकार संमेलन को सम्बोधित करते हुए मिशन के प्रेस एवं पब्लिसिटी विभाग की मेंबर इंचार्ज राजकुमारी जी ने पिछले ९० सालों से मिशन द्वारा मानवता एवं विश्वबंधुत्व के प्रति किए गए प्रयासों पर रोशनी डाली। इसके पूर्व उन्होंने प्रेस कॉन्फरन्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उनके साथ उनके दिल्ली और मुंबई के सहयोगी तथा समागम कमेटी के चेअरमन एवं समन्वयक उपस्थित थें।
इस वर्ष पहली बार 53वां संत समागम सद्गुरु माता जी की असीम कृपा से मुंबई से दूर नाशिक में आयोजित हो रहा है। राजकुमारी जी ने बताया कि इस समागम में महाराष्ट्र के कोने कोने से एवं पास के गुजरात राज्य से लाखों की संख्या में निरंकारी श्रद्धालु भक्त शामिल होंगे। इसके अलावा देश के विभिन्न भागों एवं विदेशों से भी काफ़ी संख्या में निरंकारी प्रतिनिधी भाग लेंगे।
समागम का आरंभ एक भव्य शोभायात्रा द्वारा होगा जो 24 जनवरी को सुबह 11:00 बजे पेठ रोड पर स्थित राहू हॉटल से शुरु होकर समागम स्थल तक जायेगी। शोभा यात्रा के समापन के बाद सद्गुरु माता जी पंडाल में स्थित मुख्य मंच पर विराजमान होंगे और दोपहर 2:30 बजे ‘मानवता के नाम संदेश’ दे कर संत समागम का विधिवत प्रारंभ करेंगे। सत्संग का कार्यक्रम रात 1:00 बजे तक चलता रहेगा और उसके बाद सद्गुरु माता जी उपस्थित जनसमुदाय को अपने अमृतमयी प्रवचन द्वारा आशीर्वाद प्रदान करेंगे।
समागम के दूसरे दिन यानि कि 25 जनवरी को सुबह 11:00 से दोपहर 1:00 बजे तक सेवादल रैली होगी जिसमें हजारों की संख्या में सेवादल के बहन-भाई अपनी अपनी वर्दी में शामिल होंगे। उसके बाद सद्गुरु माता जी का प्रवचन होगा। समागम के विधिवत समापन के बाद सोमवार 26 जनवरी को सुबह 11:00 बजे समागम स्थल पर सद्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज की छत्रछाया मे 60 जोड़ों का सामूहिक विवाह समारोह आयोजित होगा।
समागम के लिए बिजली, पानी, जलनि:सारण एवं स्वच्छता, सुगम यातायात तथा स्वास्थ्य एवं अग्निशमन जैसी आवश्यक सेवाओं की समुचित व्यवस्थायें बनाई गई हैं। समागम में पधारने वाले श्रद्धालुओं को समागम स्थल पर लाने के लिए नाशिक शहर के विभिन्न स्थानों से प्रशासन के संबंधित विभागों द्वारा सुरक्षा व्यवस्था के बारे में उचित प्रबंध किए गए हैं।
सत्संग के विशाल पण्डाल के अतिरिक्त समागम कमेटी एवं अन्य कार्यालय बनाये गए हैं। प्रकाशन विभाग द्वारा पांच स्टॉल लगाये गए हैं जिनमें मिशन का साहित्य, फोटोग्राफ, सीडी, डीव्हीडी इत्यादि सामग्री प्राप्त होगी।
मिशन की ओर से देश के विभिन्न भागों में दवाखाने, मोबाईल ॲम्बुलन्स एवं आठ पॅथॉलॉजिकल लॅबरोटरिज धर्मार्थ प्रणाली में चलाई जा रही हैं। चार अस्पताल दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई एवं आग्रा में हैं जबकि दवाखाने पूरे देश में फैले हुए हैं। मिशन की ओर से मोतीबिंदू शस्त्रक्रिया शिविर, स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर, हृदय चिकित्सा शिविर, ॲनिमिया नियंत्रण इत्यादि गतिविधियाँ समय समय पर चलाई जा रही हैं।
मिशन की ओर दिल्ली एवं देश के अन्य भागों में महाविद्यालय स्कूल चलाये जा रहे हैं। इसके अलावा विधवा एवं जरुरतमंद महिलाओं के लिए शिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र विभिन्न व्यवसाय मार्गदर्शन केंद्र चलाये जा रहे हैं।