भारतीय राजमार्ग इंजीनियर अकादमी (आईएएचई) को राजमार्ग क्षेत्र के एक विश्व स्तरीय प्रमुख संस्थान में तब्दील करने के लिए गठित समिति का यह मानना है कि इंजीनियरों का ज्ञान, कौशल एवं विशेषज्ञता बढ़ाना अपरिहार्य है, ताकि भारत के व्यापक सड़क नेटवर्क को अपेक्षाकृत कम लागत पर निरंतर बेहतरीन, पर्यावरण अनुकूल एवं सुरक्षित रखा जा सके। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट कल (28 जनवरी, 2020) रात पेश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रशिक्षण से जुड़ी मौजूदा बुनियादी ढांचागत सुविधाओं एवं प्रशिक्षण कार्य प्रणाली में सुधार लाने, विश्व स्तर पर प्रख्यात अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों से जुड़ाव सुनिश्चित करने और व्यावहारिक अनुसंधान एवं संबंधित कार्य करने की जरूरत है।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया था, जिसमें वाई.एस. मलिक, पूर्व सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (चेयरमैन), बी.एन. सिंह, पूर्व डीजी (आरडी) एवं एसएस, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सदस्य), एम.पी. शर्मा, पूर्व एडीजी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सदस्य) और एस.पी. सिंह, संयुक्त सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सदस्य सचिव) शामिल थे। इस समिति के गठन का उद्देश्य विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान करना और भारतीय राजमार्ग इंजीनियर अकादमी (आईएएचई) को राजमार्ग क्षेत्र के एक ऐसे विश्व स्तरीय प्रमुख संस्थान में तब्दील करने के तरीकों के बारे में सिफारिशें पेश करना था, जिसके पास राजमार्ग क्षेत्र से जुड़ी पूर्ण/व्यापक विशेषज्ञता हो।
आईएएचई का गठन मंत्रालय ने वर्ष 1983 में एक सोसाएटी के रूप में किया था, ताकि केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों, स्थानीय निकायों इत्यादि के राजमार्ग इंजीनियरों को प्रवेश स्तर के साथ-साथ करियर के मध्य में विभिन्न स्तरों पर भी प्रशिक्षण दिया जा सके। यह राजमार्गों के नियोजन, डिजाइनिंग, निर्माण, परिचालन, रख-रखाव एवं प्रबंधन सहित विभिन्न विषयों पर प्राप्त अनुभवों को संयोजित करने एवं इनसे जुड़े ज्ञान को साझा करने का प्रमुख संस्थान है।
आईएएचई 1 अक्टूबर, 2001 से ही नोएडा (उत्तर प्रदेश) के संस्थागत क्षेत्र के सेक्टर 12 के ए-5 में अवस्थित 10 एकड़ की भूमि पर बनाए गए विशाल परिसर में कार्यरत है। इस अकादमी में प्रशिक्षण से संबंधित आवश्यक बुनियादी ढांचागत सुविधाएं हैं, जिनमें व्याख्यान हॉल, कम्प्यूटर लैबोरेटरी, सामग्री परीक्षण प्रयोगशाला, पुस्तकालय एवं डिस्प्ले सेंटर, प्रशिक्षुओं के लिए छात्रावास इत्यादि शामिल हैं।
आईएएचई ने अपनी शुरुआत से लेकर अब तक 1494 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए हैं और भारत के साथ-साथ 59 अफ्रीकी-एशियाई देशों के 35,988 प्रोफेशनलों को प्रशिक्षित किया है। वर्ष 2019-20 के दौरान आईएएचई ने 85 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किए हैं और 2577 राजमार्ग प्रोफेशनलों को प्रशिक्षित किया है। आईएएचई के पास 100 सड़क सुरक्षा अभियंता एवं ऑडिटर हैं।