इसके अलावा वित्त मंत्री ने अपनी सहयोगी कंपनी से किसी होल्डिंग कंपनी को प्राप्त लाभांश के लिए कर कटौती की मंजूरी देने का प्रस्ताव किया है, ताकि टैक्स पर टैक्स देने की समस्या से मुक्ति पाई जा सके। डीडीटी को हटाने के परिणामस्वरूप हर वर्ष अनुमानित 25,000 करोड़ रुपये का राजस्व छोड़ना होगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि मौजूदा समय में कंपनियों को अपने मुनाफे पर टैक्स अदा करने के अलावा अपने शेयरधारकों को दिए गए लाभांश पर भी 15 प्रतिशत की दर से डीडीटी एवं लागू अधिभार तथा उपकर देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस आशय की दलील दी गई है कि डीडीटी लगाने की व्यवस्था से निवेशकों, विशेषकर उन लोगों पर कर बोझ बढ़ जाता है, जिन्हें उस स्थिति में डीडीटी की दर से कम टैक्स देना पड़ता है, जब लाभांश आय को उनकी आय में शामिल कर लिया जाता है। इसके अलावा, ज्यादातर विदेशी निवेशकों को अपने देश में डीडीटी को उनके खाते में न डालने या क्रेडिट करने पर उनकी इक्विटी पूंजी पर रिटर्न की दर घट जाती है।
विद्युत क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के लिए केन्द्रीय बजट में 15 प्रतिशत की रियायती कॉरपोरेट टैक्स दर अब विद्युत उत्पादन करने वाली नई घरेलू कंपनियों को भी देने का प्रस्ताव किया गया है। विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सितम्बर, 2019 में 15 प्रतिशत की रियायती कॉरपोरेट टैक्स दर को उन नवगठित घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए मंजूरी दी गई, जो 31 मार्च, 2023 तक विनिर्माण शुरू कर देगी।
प्राथमिकता वाले सेक्टरों में विदेशी सरकारों के सॉवरेन वेल्थ फंड के निवेश को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय बजट में 31 मार्च, 2024 से पहले अवसंरचना एवं अन्य अधिसूचित क्षेत्रों में किये गये निवेश पर प्राप्त पूंजीगत लाभ आय, ब्याज एवं लाभांश पर शत-प्रतिशत छूट देने का प्रस्ताव किया गया है। इसमें तीन वर्षों की न्यूनतम लॉक-इन अवधि होती है।
बड़ी रियायत देने और सहकारी समितियों तथा कंपनियों के बीच समतुल्यता सुनिश्चित करने के लिए केन्द्रीय बजट में सरकारी समितियों को 10 प्रतिशत अधिभार एवं 4 प्रतिशत उपकर के अलावा 22 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का विकल्प दिया गया है, जिसके तहत किसी भी तरह की छूट/कटौती नहीं मिलेगी। मौजूदा समय में इन सहकारी समितियों को अधिभार एवं उपकर के अलावा 30 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है।
सभी के लिए मकान और किफायती आवास के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए किसी किफायती मकान को खरीदने हेतु लिए गए ऋण पर अदा किए गए ब्याज के मद में 1.50 लाख रुपये तक की अतिरिक्त कटौती को मंजूरी देने की घोषणा पिछले बजट में की गई थी। यह टैक्स कटौती उन आवास ऋणों पर देने की मंजूरी दी गई, जो 31 मार्च, 2020 को या उससे पहले लिया गया हो।
अधिक से अधिक व्यक्ति इससे लाभ उठा सकें तथा किफायती आवास को और ज्यादा प्रोत्साहन दिया जा सके, इसके लिए वित्त मंत्री ने इस अतिरिक्त टैक्स कटौती से लाभ उठाने के लिए ऋण मंजूरी की तिथि में एक और साल की वृद्धि करने का प्रस्ताव किया है।
रियल एस्टेट के सौदों में हो रही कठिनाइयों को कम करने और इस सेक्टर को राहत देने के लिए केन्द्रीय बजट में 5 प्रतिशत की सर्किल रेट सीमा को बढ़ाकर 10 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है।