रिपोर्ट : अजीत कुमार
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा और निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा के नेतृत्व में भारत के निर्वाचन आयोग ने मुख्य सचिव, पुलिस आयुक्त और दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, दिल्ली सरकार के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और पड़ोसी राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में विधान सभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में गृह मंत्रालय, सीआरपीएफ, रेल मंत्रालय के केन्द्रीय अधिकारी भी शामिल हुए।
निर्वाचन सदन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक की अध्यक्षता करते हुए, मुख्य निर्वाचन आयुक्त अरोड़ा ने यह सुनिश्चित करने के लिए गहरी समीक्षा की कि प्रशासन और विभिन्न राज्यों के पुलिस बलों के बीच विशेष रूप से सीमा पर चौकियों पर नकदी, शराब, हथियार या असामाजिक तत्वों की गैर कानूनी आवाजाही को रोकने के लिए उचित कदम उठाए गए हैं। आयोग ने संबंधित राज्य अधिकारियों को सलाह दी कि वे चुनाव ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा बलों को आवश्यकता पड़ने पर कैशलेस उपचार की सुविधा सुनिश्चित कराएं।
आयोग ने चुनाव तैयारियों के साथ आगामी चुनावों के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों को सौंपे गए आवश्यक कार्यों की भी समीक्षा की। सत्तर विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में तैनात सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों ने फोटो मतदाता पर्ची के वितरण, न्यूनतम सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए मतदान केंद्रों पर प्रबंध, दिव्यांग मतदाताओं के लिए प्रबंध, पर्याप्त संख्या में व्हील चेयरों की उपलब्धता, स्वयंसेवकों, ईवीएम-वीवीपेट की व्यवस्था, मतदान कर्मियों के लिए रात्रि प्रवास की व्यवस्था, शिकायत निगरानी, राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए अनुमतियों की सुविधा, सुरक्षा बलों की तैनाती की योजना, स्थानीय समुदायों के साथ विश्वास निर्माण के उपाय, फ्लाइंग स्क्वायड द्वारा की गई जब्ती, उम्मीदवारों के खातों का निरीक्षण, उम्मीदवारों के पिछले आपराधिक कार्यों का प्रचार, सीविजिल और पेड न्यूज की शिकायतें, खर्च और कानून और व्यवस्था संवेदनशील पॉकेट व्यवस्था और मतगणना के दिन किए गए प्रबंधों से आयोग को अवगत कराया।
पर्यवेक्षकों ने आयोग को आश्वासन दिया कि तैयारियां निर्धारित समय से चल रही है और मतदान के दिन सभी आवश्यक प्रबंधों के सम्बन्ध में गति पकड़ रही हैं। पुलिस बलों और सीएपीएफ कंपनियों की पर्याप्त संख्याओं में तैनाती की जा रही है और विरोध की संभावना वाले स्थानों पर निगरानी रखी जा रही है ताकि 8 फरवरी, 2020 को मतदानकर्मियों अथवा मतदाताओं को किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़े।
कुछ पर्यवेक्षकों ने इस बात का जिक्र किया कि विशेष डाक मतपत्र सुविधा और वरिष्ठ नागरिकों को लाने ले जाने की सुविधा के लिए पंजीकरण की गति धीमी है। दिल्ली के सीईओ ने बताया कि पंजीकरण की तारीख 5 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। उन्होंने कहा कि उन मतदान केंद्रों में व्हील चेयरों के वितरण में वृद्धि की गई है जहां बड़ी संख्या में लोकोमोटर अक्षमता वाले मतदाताओं ने पंजीकरण कराया।
आयोग ने जोर देकर कहा कि अपराधियों के बारे में पूर्व जानकारी के प्रचार पर उच्चतम न्यायलय के आदेशों के निर्देशों और उसके बाद आयोग के दिशा निर्देशों का प्रिंट के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पूरी तरह पालन करें और उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसके अलावा आयोग ने डराने धमकाने और कानूनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर जोर दिया है। सभी मतदान केंद्रों के नजदीक सुगमता से आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए ऐहतियाती उपाय किए गए हैं, 8 फरवरी को शांति बनाए रखने और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने, ड्यूटी करने वाले मतदानकर्मियों के लिए रात में ठहरने की पर्याप्त व्यवस्था और न्यायिक पर्यवेक्षकों द्वारा पर्याप्त निगरानी में तेजी लाने के साथ चुनावी माहौल को खराब नहीं होने देने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।
विशेष पुलिस पर्यवेक्षक एम.के. दास ने आयोग को आश्वासन दिया कि संवेदनशील इलाकों में वह व्यक्तिगत रूप से जमीनी स्तर पर स्थिति की निगरानी कर रहे है। विशेष व्यय पर्यवेक्षक बी. मुरली कुमार ने आयोग को आश्वासन दिया कि अमल में तेजी लाने के लिए क्षेत्रीय स्तरों की टीमों द्वारा पर्याप्त ध्यान दिया जा रहा है।