भारत सरकार ने चीन में नोवेल कोरोनावायरस के प्रकोप के कारण उत्पन्न होने वाली आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए वुहान शहर से 366 भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए व्यापक व्यवस्था की है। एयर इंडिया के विमान में चिकित्सकों, सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों और अर्ध चिकित्सा कर्मचारियों की एक टीम भेजी गई है। वहां से आने वाले भारतीय यात्रियों को मानेसर (सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा द्वारा प्रबंधित) और चावला कैंप (आईटीबीपी द्वारा प्रबंधित) में दो संगरोधन केंद्रों पर 14 दिनों के लिए संगरोधित किया जाएगा। सभी प्रस्तावित पुरुष यात्रियों (लगभग 280) को मानेसर कैंप में और परिवारों/ महिलाओं (लगभग 90) को आईटीबीपी कैंप में भेजने का प्रस्ताव है ।
यदि कोई व्यक्ति नोवेल कोरोनावायरस से प्रभावित पाया जाता है, तो उसे आगे की जांच और प्रबंधन के लिए नामित अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। इस मामले में, यह भी मूल्यांकन किया जाएगा कि क्या आगे और संगरोधन की आवश्यकता है। डीजीएचएस डॉ. राजीव गर्ग स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के नोडल अधिकारी होंगे जो आईटीबीपी सुविधा में समग्र व्यवस्था की निगरानी करेंगे। मानेसर कैंप के लिए मेडिकल टीमें एएफएमएस द्वारा देखभाल की जा रही हैं। डॉक्टरों की एक टीम द्वारा दोनों शिविरों में अलग-अलग चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त, मरीजों की गहन देखभाल के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 50 बेड की गहन देखभाल सुविधा स्थापित की गई है। दोनों संगरोधन शिविरों में भर्ती सभी व्यक्तियों की दैनिक आधार पर 14 दिनों की अवधि के लिए निगरानी की जाएगी।
गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय प्रत्येक से प्रभावी समन्वय के लिए एक नोडल अधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जाएगी। निर्बाधित संचार के लिए इन सभी अधिकारियों के साथ-साथ शिविरों के नोडल अधिकारियों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा।