प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत वर्ष 2018-19 में 47.33 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा : आर्थिक समीक्षा

 


 



 


सभी के लिए आवास, पेयजल और स्‍वच्‍छता के साधनों सहित सामाजिक संपत्तियों के निर्माण का प्रावधान सरकार की सामाजिक अवसंरचना के निर्माण की कोशिशों के तहत एक प्रमुख स्‍तंभ रहा है। यह आर्थिक समीक्षा 2019-20 के प्रमुख घटकों में से एक है, जिसे संसद में केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्रीनिर्मला सीतारमण ने पेश किया।


आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि 2018 में भारत में पेयजल, साफ-सफाई और आवास स्थिति पर एनएसओ के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार ग्रामीण इलाकों में 76.7 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 96 प्रतिशत लोगों के पास पक्‍का घर है।


दो योजनाओं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) और प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) के तहत 2022 तक सभी के लिए आवास के लक्ष्‍य को हासिल करना है। सर्वेक्षण में बताया गया है कि पीएमएवाई-जी के तहत एक साल में बनने वाले घरों की संख्‍या पहले से चार गुना बढ़ गई है, जो 2014-15 में 11.95 लाख से बढ़कर 2018-19 में 47.33 लाख हो गई है।


आ‍र्थिक समीक्षा के अनुसार 2014 में शुरू हुए स्‍वच्‍छ भारत मिशन–ग्रामीण (एसबीएम-जी) के तहत अब तक ग्रामीण इलाकों में 10 करोड़ से अधिक शौचालय बनाए गए हैं। इस दौरान 5.9 लाख गांवों, 699 जिलों और 35 राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों ने अपने आपको खुले में शौच से मुक्‍त घोषित किया है। भारत के सबसे बड़े ग्रामीण स्‍वच्‍छता सर्वेक्षण स्‍वच्‍छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2019 में देश भर के 698 जिलों के 17,450 गांवों को शामिल किया गया, जिनमें 87,250 सार्वजनिक स्‍थल शामिल हैं।


बजट पूर्व समीक्षा में बताया गया है कि सफाई को लेकर व्‍यवहार को बनाए रखने और ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन को बढ़ावा देने पर केन्द्रित 10 वर्षीय ग्रामीण स्‍वच्‍छता रणनीति (2019-2029) की शुरुआत की गई है। जल संकट से जुझ रहे प्रखंडों और जिलों में जल संरक्षण की गतिविधियों में तेजी लाने के उद्देश्‍य से पूरे भारत में जल शक्ति अभियान (जेएसए) शुरू किया गया है। आर्थिक समीक्षा में जोर देते हुए बताया गया है कि जेएसए के तहत अब तक 256 जिलों में 3.5 लाख से अधिक जल संरक्षण उपाए किए गए हैं। लगभग 2.64 लोगों ने भाग लेकर इसे जन आंदोलन बना दिया है।