रिपोर्ट : अजीत कुमार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद में उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की निगरानी के लिए ट्रस्ट की घोषणा की।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के निर्देश के आधार पर मेरी सरकार ने ‘श्री राम जम्म भूमि तीर्थ क्षेत्र’ ट्रस्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। ट्रस्ट अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण से सम्बन्धित सभी निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सरकार ने उत्तर प्रदेश की सरकार से सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया था और राज्य सरकार ने इस अनुरोध को स्वीकार किया।
हम सभी भगवान राम और अयोध्या से जुड़े ऐतिहासिक और आध्यात्मिक महत्व को जानते हैं। यह भारतीय लोकाचार, भाव, आदर्श और संस्कृति में है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भव्य राम मंदिर के निर्माण तथा रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने फैसला किया है कि लगभग 67.703 एकड़ अधिग्रहित भूमि नवगठित श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास को हस्तांतरित की जाएगी।’
प्रधानमंत्री ने अयोध्या मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद शांति और सद्भाव बनाए रखने में देश द्वारा दिखाई गई परिपक्कवता की सराहना की। उन्होंने इस बात को एक अलग ट्वीट में दोहराते हुए कहा, ‘भारत की जनता ने लोकतांत्रिक तौर-तरीकों तथा प्रक्रियाओं में उल्लेखनीय विश्वास दिखाया। मैं भारत की 130 करोड़ जनता का नमन करता हूं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सभी एक परिवार के सदस्य हैं। यह भारत का लोकाचार है। हम प्रत्येक भारतीय को प्रसन्न और स्वस्थ देखना चाहते हैं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास से निर्देशित होकर हम प्रत्येक भारतीय के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं।