सरकार कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सचेंजों में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी

 


 



 


केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्‍द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि आर्थिक विकास के लिए अवसंरचना अत्यंत महत्वपूर्ण है और इसलिए बजट सभी नागरिकों के लिए जीवन जीने में आसानी की सुविधा प्रदान करने के लिए समर्पित है।


वित्त मंत्री ने भारतीय पत्तनों की कार्यकुशलता बढ़ाने और प्रौद्योगिकी के माध्यम से उनके प्रदर्शन को बेहतर बनाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि सरकार कम से कम एक बड़े पत्तन के निगमीकरण और स्टॉक एक्सचेंजों में इसे सूचीबद्ध करने पर विचार करेगी।


अंतरदेशीय जलमार्ग के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 पर जल विकास मार्ग को पूरा कर लिया जाएगा और 2022 तक धुबरी-साडिया (890 किलोमीटर) जलमार्ग कनेक्टिविटी को पूरा कर लिया जाएगा।


सीतारमण ने कहा कि नदी तटों पर आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने से संबंधित प्रधानमंत्री के विजन अर्थ गंगा के लिए योजनाएं तैयार की गई है। देश में परिवहन अवसंरचना को प्रोत्साहन देने के लिए केन्द्रीय बजट में 1.70 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।


वित्त मंत्री घोषणा करते हुए कहा कि उड़ान योजना को समर्थन देने के लिए 2024 तक 100 और हवाई अड्डों को विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक औसत की तुलना में भारत के हवाई ट्रैफिक में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस अवधि में हवाई जहाजों की संख्या वर्तमान के 600 से बढ़कर 1200 हो जाएगी।


2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने के बारे में वित्त मंत्री ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय के कृषि उड़ान कार्यक्रम को लांच करने की घोषणा की। कृषि उड़ान कार्यक्रम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हवाई मार्गों के लिए उपलब्ध होगा। इससे विशेषकर पूर्वोत्तर और जनजातीय जिलों को उचित मूल्य प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।


वित्त मंत्री ने 2021 में ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र के लिए 22000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव दिया। वित्त मंत्री ने सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से अगले तीन वर्षों में पारम्परिक मीटरों को स्मार्ट मीटरों से बदलने तथा बिजली वितरण कम्पनियों में सुधार करने का आग्रह किया।


वित्त मंत्री ने बजट में राष्ट्रीय गैस ग्रिड को वर्तमान के 16200 किलोमीटर से 27000 किलोमीटर तक के विस्तार देने तथा पारदर्शी मूल्य निर्धारण और कारोबार में आसानी के लिए और सुधार करने का प्रस्ताव किया।


वित्त मंत्री ने बिजली उत्पादन क्षेत्र में नई घरेलू कम्पनियों को 15 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स को जारी रखने का प्रस्ताव दिया।