रिपोर्ट : अजीत कुमार
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आपदा सक्षम अवसंरचना पर फोकस कर जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाने के सरकारी लक्ष्य पर विशेष बल देते हुए आज केन्द्रीय बजट 2020-21 में पर्यावरण सेक्टर से संबंधित विभिन्न प्रस्तावों को पेश किया।
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वित्त वर्ष 2020-21 का केन्द्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि आपदा सक्षम अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) का शुभारंभ सितम्बर 2019 में किया गया था, जिसका सचिवालय दिल्ली में है। उन्होंने कहा, ‘इस वैश्विक भागीदारी से अनेक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ-साथ सेंडाई फ्रेमवर्क के लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद मिलेगी। इससे आपदा सक्षम अवसंरचना पर फोकस करते हुए जलवायु परिवर्तन को अनुकूल बनाना आसान होगा।’
वित्त मंत्री ने किसी देश की विकास संबंधी अनिवार्यताओं को ध्यान में रखते हुए पेरिस समझौता, 2015 के तहत उल्लिखित ‘राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित अंशदान (एनडीसी)’ को सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि सामान्य बजट प्रक्रिया के जरिए संबंधित विभागों एवं मंत्रालयों द्वारा विभिन्न सेक्टरों में ठोस कदमों के रूप में भारत की प्रतिबद्धताओं पर अमल किया जाएगा।
निर्मला सीतारमण ने पुराने ताप विद्युत संयंत्रों के कारण हो रहे व्यापक कार्बन उत्सर्जन के मुद्दे पर प्रकाश डाला। वित्त मंत्री ने इस तरह के संयंत्रों को बंद करने और वैकल्पिक प्रयोजन के लिए खाली पड़ी भूमि का उपयोग करने संबंधी सरकारी प्रस्ताव के बारे में बताया।
वित्त मंत्री ने 10 लाख से अधिक की आबादी वाले शहरों में स्वच्छ हवा की उपलब्धता न होने पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिक से अधिक स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने के लिए राज्यों को योजनाएं तैयार एवं कार्यान्वित करने के लिए प्रोत्साहित करने संबंधी सरकार की मंशा के बारे में विस्तार से बताया। इस पहल हेतु 2020-21 की अवधि के लिए 4,400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है और संबंधित पहलों के लिए उपयुक्त मानदंडों को जल्द ही पर्यावरण, वन एवं जलवायु परितर्वन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया जाएगा।