यह व्‍यावहारिक, समग्र तथा जनता का बजट है : डॉ. हर्ष वर्धन

रिपोर्ट : अजीत कुमार


 



 


बजट 2020-21 को ऐतिहासिक बजट बताते हुए, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, डॉ. हर्ष वर्धन ने दिल्‍ली में इसे व्‍यावहारिक, दूरदर्शी, प्रगतिशील तथा जनता का बजट बताया, क्‍योंकि इसका लक्ष्‍य एक महत्‍वाकांक्षी भारत के तीन महत्‍वपूर्ण तथा मूलभूत स्‍तंभों का निर्माण करना है तथा ‘सबका साथ, सबका विकास’ के ध्‍येय के साथ सबके रहन-सहन के स्‍तर में सुधार लाना, सभी का आर्थिक विकास करना और एक मानवीय तथा करूणामय समाज बनाना है। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी तथा वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण को धन्‍यवाद देते हुए, डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह एक समावेशी बजट है, जो गरीब-समर्थक, किसान-समर्थक, उपेक्षित-समर्थक तथा सभी क्षेत्रों के विकास के लिए तथा कुल मिलाकर देश के विकास के लिए है। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि यह एक नये भारत के लिए प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए आधारशिला स्‍थापित करेगा।


डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण विभाग के लिए बजट अनुमान में 3.75 प्रतिशत की सराहनीय वृद्धि की गई है, जबकि स्‍वास्‍थ्‍य अनुसंधान विभाग के लिए आवंटन में 10 प्रतिशत वृद्धि की गई है। यह इस बात का सूचक है कि सरकार स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र पर काफी ध्‍यान दे रही है। उन्‍होंने कहा कि स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को कुल मिलाकर 69,000/- करोड़ रुपये दिये गये हैं। डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा कि इस बजट में देश के विकास एवं समृद्धि की यात्रा में एक प्रमुख इंजन के रूप में स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र को स्‍थान दिया है।


केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि बजट 2020-21 में चिकित्‍सा अवसंरचना, स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र में मानव संसाधन और समग्र स्‍वास्‍थ्‍य एवं कल्‍याण पर जोर दिया गया है। चिकित्‍सा अवसंरचना को सशक्‍त बनाने के लिए सरकार महत्‍वकांक्षी जिलों, विशेषकर दूसरे एवं तीसरे दर्जों के महानगरों में अस्‍पतालों के निर्माण में सहायता देगी, जहां आयुष्‍मान भारत पीएमजेएवाई के तहत पेनलबद्ध अस्‍पताल नहीं हैं। यह सार्वजनिक निजी भागीदारी के तहत किया जायेगा। इसके अलावा राष्‍ट्रीय अवसंरचना पाईपलाइन (एनआईपी) के तहत 6,500 परियोजनाओं में ‘सबके लिए स्‍वास्‍थ्‍य’ परियोजनाएं शामिल हैं। सुयोग्‍य चिकित्‍सकों (विशेषज्ञ एवं सामान्‍य चिकित्‍सक) की कमी को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के प्रारूप में मौजूदा जिला अस्‍पतालों के साथ चिकित्‍सा महाविद्यालय को संलग्‍न करने का प्रस्‍ताव किया गया है।


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